नई दिल्लीः दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज से अस्पताल में भर्ती कराए गए एक जमाती ने आत्महत्या का प्रयास किया है। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती जमाती ने बिल्डिंग की छठवीं मंजिल से कूदकर जान देनी की कोशिश की। इस घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। मरीज की आत्महत्या की कोशिश के बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में मरीज खिड़की से कूदने का प्रयास करता दिखाई दे रहा है और कुछ लोग उसे बचा रहे हैं। निजामुद्दीन मरकज में 8 दिन तक एक धार्मिक आयोजन चलता रहा। सरकार की लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी ये लोग एक साथ रहे, जिनमें से कुछ कोरोना वायरस से संक्रमित थे। इस आयोजन में कई देश के हजारों लोग शामिल हुए थे। अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक इन सभी लोगों में से 90 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। केंद्र सरकार ने निजामुद्दीन मरकज को कोरोनावायरस हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है।
36 घंटे की मशक्कत के बाद खाली हुई निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज की बिल्डिंग
मरकज में एकजुट होकर रह रहे लोगों की खबर के बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। जानकारी मिलने के बाद इस जगह को खाली कराना टेढ़ी खीर बन गया था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज की बिल्डिंग को खाली करा लिया गया है। विशेष अभियान के तहत यहां से कुल 2361 लोगों को निकाला गया है। इनमें 617 लोगों को विभिन्न अस्पताल में रखा गया है, वहीं बाकियों का क्वारेंटाइन किया जा रहा है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद देश में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की दिल्ली में सक्रियता बढ़ गई है। सिसोदिया ने अपने ट्वीट में लिखा, 'निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को खाली करा लिया गया है। इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले। इसमें से 617 को विभिन्न अस्पतालों में और अन्य को क्वारेंटाइन किया गया है।
निजामुद्दीन जाने वाले तबलीगी जमात के कई लोगों का अब भी पता नहीं
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले तबलीगी जमात के कुछ लोगों की जानकारी अब भी नहीं मिली है। उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की है कि वह अधिकारियों के संपर्क में आएं ताकि उनकी जांच हो सके। राष्ट्रीय राजधानी में इस धार्मिक सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए 1,500 लोगों में से 1,131 लौट आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुल 515 लोगों की पहचान की गई है… अन्य जिन्होंने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया है उन्हें अधिकारियों के संपर्क में आना चाहिए क्योंकि हमारे पास इन लोगों के पते नहीं है।’’ पलानीस्वामी ने संवाददाताओं को बताया कि एक वर्ग से अब भी संपर्क नहीं हो पाया है जबकि अन्य अभी दिल्ली में पृथक करके रखे गए हैं।