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हाथरस केसः जातीय हिंसा का डर दिखा कर योगी सरकार प्रकरण को दबाना चाहती है

By शीलेष शर्मा | Updated: October 7, 2020 21:36 IST

पार्टी का यह भी आरोप था कि हत्या और बलात्कार कि  घटना से पल्ला झाड़ ने के लिए योगी ने प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने का षडयंत्र  होने की बात कही है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार आगामी बिहार विधान सभा चुनाव में हाथरस की घटना कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। 

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ महज इस कारण इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराना चाहते हैं।कांग्रेस  की पूरी कोशिश है कि  हाथरस प्रकरण को तब तक जीवित रखा जाए जब तक आर पार का फैसला नहीं हो जाता। प्रवासी मज़दूरों के हालात को कांग्रेस अपने उन मुद्दों में शामिल कर रही है जिसके आधार पर वह बिहार में मतदाताओं से वोट मांगेगी।

नई दिल्लीः हाथरस की कथित बलात्कार की घटना को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गयी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ महज इस कारण इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराना चाहते हैं ताकि सीबीआई पर अपना राजनीतिक दवाब दाल कर पूरे मामले को रफा-दफा किया जा सके। 

पार्टी का यह भी आरोप था कि हत्या और बलात्कार कि  घटना से पल्ला झाड़ ने के लिए योगी ने प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने का षडयंत्र  होने की बात कही है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार आगामी बिहार विधान सभा चुनाव में हाथरस की घटना कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। 

महिलाओं पर अत्याचार , दलितों का उत्पीड़न, बेरोज़गारी, नोटेबंदी, लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मज़दूरों के हालात को कांग्रेस अपने उन मुद्दों में शामिल कर रही है जिसके आधार पर वह बिहार में मतदाताओं से वोट मांगेगी। कांग्रेस  की पूरी कोशिश है कि  हाथरस प्रकरण को तब तक जीवित रखा जाए जब तक आर पार का फैसला नहीं हो जाता। 

पार्टी के प्रवक्ता मनु अभिषेक सिंघवी ने आज इस मुद्दे को उठाते हुए योगी सरकार से 8 सवाल किये और   दोषियों को पकड़ने की जगह पीड़िता के परिवार को पुलिस बल के ख़ौफ़ के तहत आखिर क्यों नज़र बंद किया गया।  विरोधी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ देश द्रोह, अराजकता फैलाने जैसे गंभीर आरोपों की धारायें क्यों लगायी गयीं।  पार्टी ने आज यह भी सवाल उठाया कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को जाती संघर्ष का भय तो राज्य में सता  रहा है लेकिन उनको इस बात की खबर नहीं कि  2018 की तुलना में प्रदेश में बेरोज़गारी 2019 में दुगनी हो चुकी है।

अकेला उत्तर प्रदेश ही नहीं भाजपा शासित राज्यों में  गुंडागर्दी का तांडव अपने चरम पर है।  हरियाणा में व्यापारी को बीच सड़क पर ज़िंदा जलाया जाता है , लगता है जैसे राज्य में महा जंगल राज्य है।  ऐसे ही हालात भाजपा शासित दूसरे  राज्यों में हैं। कांग्रेस इन्ही सब मुद्दों को लेकर मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है।  

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