लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुए हाथरसगैंगरेप मामले में यूपी पुलिस के संदेहास्पद भूमिका को लेकर विपक्ष लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़ा कर रहा है। आज (शनिवार) को एक बार फिर से जब कांग्रेस के सभी सांसदों के साथ हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए राहुल गांधी व प्रियंका गांधी दिल्ली से यूपी के तरफ चले बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने काफिला को रोक दिया।
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता व यूपी पुलिस के बीच धक्का-मुक्की की नौबत भी आई। यूपी पुलिस ने जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर दिया तो वहां मौजूद प्रियंका गांधी एक कांग्रेस कार्यकर्ता को पुलिस की लाठी से बचाने के लिए बीच में आ गई। कवच बनकर अपने पार्टी के कार्यकर्ता को प्रियंका गांधी ने बचा लिया। इसके बाद सोशल मीडिया व खबरों में इस वीडियो की खूब चर्चा हो रही है।
प्रियंका गांधी व राहुल गांधी को हाथरस जाने की मिली अनुमति-
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी हाथरस कथित सामूहिक बलात्कार घटना की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए जा रहे हैं। इस उन्हें पीड़िता के परिवार से मिलने की अनुमति मिल गई है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, वह पीड़िता के गांव पहुंच गए हैं।
दरअसल, यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि जो भी जनप्रतिनिधि आना चाहेंगे, पांच लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारी 3 अधिकारियों की एसआईटी वहां जाएगी। जहां तक परिवार से मिलने की बात है, 5 लोग अगर कहीं भी जाएंगे, कोई भी जाना चाहेगा तो जा सकता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। SIT की पहली रिपोर्ट बीते दिन शाम 4 बजे प्राप्त हुई है। कल दो घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री ने तत्कालीन एसपी, सीओ, इंस्पेक्टर, सीनियर सब इस्पेक्टर सबको निलंबित करने का आदेश दिया।
हाथरस मामले में शव के जबरन अंतिम संस्कार मामले पर डीजीपी ने दिया ये बयान-
इस मामले पर अब तक किसी सरकारी अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पहली बार उत्तर प्रदेश के डीजीपी का बयान आया है। प्रदेश के पुलिस मुखिया ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। यही नहीं डीजीपी ने इस पूरे मामले में लिए गए हर फैसले के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा दिया है।
मीडिया के सवालों का सामना करते हुए डीजीपी ने सिर्फ इतना कहा कि मैं इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। जबरन शव के अंतिम संस्कार कराए जाने के मामले पर राज्य के पुलिस मुखिया ने कहा कि इसमें उनका कोई भूमिका नहीं है। सभी निर्णय स्थानीय स्तर पर लिए गए हैं।
हाथरस मामले में एसआईटी कर रही है जांच-
हाथरस गैंगरेप केस की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट पेश करनी है।
गत 14 सितंबर को प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।