हरियाणा: विधानसभा चुनावों में दल बदलुओं को भाजपा की टिकट मिलने की गारंटी नहीं!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 29, 2019 08:16 AM2019-08-29T08:16:07+5:302019-08-29T08:16:07+5:30
हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा के 75 प्लस के अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर इन दिनों जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए पूरे हरियाणा के दौरे पर निकले हुए हैं. इनेलो के दो फाड़ होने और कांग्रेस की गुटबाजी ने भाजपा की जीत की संभावनाएं और बढ़ा दी हैं.
इनेलो के बाद अब भाजपा का रु ख कांग्रेस नेताओं को तोड़ने की तरफ बलवंत तक्षक चंडीगढ़। 28 अगस्त हरियाणा में दल बदल का सिलिसला थमने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम पार्टियों के नेताओं का रु ख भाजपा की तरफ है. इनेलो के दस विधायकों के शामिल होने के बाद अब भाजपा का रु ख कांग्रेस नेताओं की तरफ है. यह हालात तो तब हैं, जब भाजपा किसी भी दल बदलू को आने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट की गारंटी नहीं दे रही है.
हरियाणा के बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस विधायक रही पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौड़ ने भी अब खुद को भगवा रंग में रंगने की तैयारी कर ली है. वे आज-कल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेंगी. भाजपा इस बार राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 75 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
यही वजह है कि जिस भी क्षेत्र में कोई जनाधार वाला नेता है, उसे भाजपा में शामिल किया जा रहा है, ताकि लक्ष्य हासिल करने में किसी तरह की कोई कसर नहीं रह जाए. हालांकि, इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि पिछले चुनावों में जिन 47 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, उन क्षेत्रों से किसी दूसरी पार्टी के नेताओं को शामिल नहीं किया जाए.
भाजपा के 75 प्लस के अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर इन दिनों जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए पूरे हरियाणा के दौरे पर निकले हुए हैं. इनेलो के दो फाड़ होने और कांग्रेस की गुटबाजी ने भाजपा की जीत की संभावनाएं और बढ़ा दी हैं. भाजपा के हरियाणा जीतो अभियान को गति देने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर को रोहतक आ रहे हैं.
हम किसी को नहीं तोड़ रहे: खट्टर
खट्टर से यह पूछा गया कि जब आपको 75 से ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है तो फिर दूसरी पार्टियों के विधायकों और पदाधिकारियों को क्यों धड़ाधड़ भाजपा में शामिल किया जा रहा है, उनका कहना था, हम किसी को नहीं तोड़ रहे हैं. वे खुद-ब-खुद भाजपा में आ रहे हैं.
उन्हें भाजपा की नीतियां और नेतृत्व पसंद हैं. दूसरी पार्टियों से भाजपा में आने वाले कितने लोगों को टिकट मिलेगा, इस पर खट्टर का कहना था, किसी को भी टिकट मिलने का कोई भरोसा नहीं दिया जा रहा है. इनमें बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते.
अगर वे दूसरी पार्टी में रहते हैं तो उन्हें जबरदस्ती टिकट दिया जाएगा और वे हारेंगे, इसलिए अपना चुनावी खर्च बचने के लिए वे भाजपा में आ रहे हैं. पार्टी की रीति-नीतियों को समझना होगा भाजपा में शामिल होने वाले दूसरी पार्टियों के विधायकों और पदाधिकारियों के बारे में खट्टर का यह भी कहना है, अभी वे भाजपा के भीतर आए हैं, लेकिन जब तक भाजपा उनके भीतर नहीं जाएगी, उन्हें पार्टी की रीति-नीतियों को समझना होगा.
भाजपा के तौर-तरीके दूसरी पार्टियों से अलग हैं, उनके लिए पहले यह जरूरी होगा कि वे भाजपा को अपने अंदर उतारें. किस पार्टी से कितने नेता आए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के दस विधायकों के अलावा हाल में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की युवा नेत्री स्वाति यादव, पूर्व मंत्री जगदीश यादव और कांग्रेस के पूर्व विधायक नसीम अहमद के बाद अब भाजपा ने हुड्डा सरकार में पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रही शारदा राठौड़ को भी पार्टी में शामिल कर लिया है.