चंड़ीगढ़: हरियाणा से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक गांव में ख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को गांव वालों का विरोध देखने को मिला है। गांव वालों ने इस प्रकार से विरोध किया था कि मानो सीएम खट्टर को 'बंधक' बना लिया हो। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कई घंटों तक एक ही घर में रहे और बाहर गांव वालों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा था।
बताया जाता है कि गांव वालों को बहुत समझाया गया लेकिन वे नहीं माने और जहां सीए्म खट्टर ठहरे हुए थे उस घर के बारे विरोध-प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी भी की है। गांव वाले ने तो पुलिस की बात मानी और न ही स्थानीय नेता की एक बात सुनी और विरोध करते रहे जिसे देख अंत में सीएम खट्टर को इस मामले में हस्ताक्षेप करना पड़ा था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर महेंद्रगढ़ में तीन दिवसीय जनसंवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए यहां आए थे। वे गांव सीमहा में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उनसे गांव को उप तहलीस का दर्जा देने को कहा था जिस पर सीएम खट्टर मान गए थे और कार्यक्रम के बाद प्रेस कॉंफेरेंस कर गांव सीमहा को उप तहलीस का दर्जा देने का एलान कर दिया था।
गांव वालों ने जमकर किया विरोध
बताया जा रहा है कि भारी संख्या में भीड़ सीएम के आराम करने वाले घर के बाहर जमा हो गई थी और वहां नारेबाजी करने लगी थी। ऐसे में गांव वालों को पुलिस ने भी समझाया लेकिन वे नहीं माने और विरोध करते रह गए। यहां तक कि अटेली के विधायक सीताराम ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन फिर भी गांव वाले इसे नहीं माने और विरोध के साथ नारेबाजी करते रहे। अंत में सीएम खट्टर को गांव के कुछ लोगों के साथ बात करनी पड़ी और उनकी मांग पर विचार करने को कहा गया तब जाकर यह विरोध-प्रदर्शन खत्म हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम खट्टर को करीब चार घंटे तक 'बंधक'जैसा बनाया गया था और उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान कोई दुर्घटना न घट जाए इसके लिए सुरक्षा के और भी कड़े इंतेजाम किए गए थे।