50,000 रुपये से कम वेतन वाली प्राइवेट नौकरियों में 75% हरियाणा के युवाओं को मिलेगी नौकरी, एक जिले से होगी 10 प्रतिशत उम्मीदवारों की नियुक्ति
By भाषा | Published: July 7, 2020 05:17 AM2020-07-07T05:17:53+5:302020-07-07T05:17:53+5:30
अलग-अलग राज्यों में देखें तो कई बार वहां के युवकों को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठता रहा है। महाराष्ट्र में भी इस तरह के सवाल उठते रहे हैं कि वहां बाहर से जाकर काम करने वालों को नौकरी पर रखे जाने से वहां के युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवकों को 75 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने संबंधी अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। अगली बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष अध्यादेश का मसौदा रखा जाएगा। भाजपा के साथ प्रदेश में गठबंधन सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने चुनावों में मुख्य रूप से निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण दिलाने का वादा किया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अध्यादेश, 2020’ का मसौदा तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिससे स्थानीय युवाओं की बेरोजगारी की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर खत्म किया जा सके।
इसमें कहा गया, “अगली बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष पेश किये जाने वाला मसौदा अध्यादेश के तहत विभिन्न निजी प्रबंधन वाली कंपनियों, समितियों, न्यासों, सीमित देयता साझेदारी फर्मों, साझेदारी फर्मों आदि में 50 हजार रुपये प्रति महीने से कम वेतन वाली 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को दी जाएंगी।”
नियोक्ता को हालांकि एक जिले से सिर्फ 10 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति का विकल्प मिलेगा। किसी खास श्रेणी के उद्योग में यदि उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलते हैं तो छूट का प्रावधान भी उपलब्ध होगा। बैठक के बाद चौटाला ने कहा, “हरियाणा के युवाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है क्योंकि अब निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों के लिये हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियां देना अनिवार्य होगा।” उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार युवाओं के रोजगार के लिये प्रतिबद्ध है।