लाइव न्यूज़ :

हरियाणा विधानसभा चुनाव: CM खट्टर ने खुद को किया साबित, विरोधियों को बैठा दिया घर

By बलवंत तक्षक | Updated: October 7, 2019 08:38 IST

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि पार्टी के फिर से सत्ता में आने की सूरत में राज्य की बागडोर फिर से खट्टर के ही हाथों में होगी.

Open in App
ठळक मुद्देखट्टर की कार्यशैली को लेकर जिन विधायकों ने विरोध का झंडा उठाया था, इस बार उनकी टिकट काट दी गई हैं.नाराज विधायकों ने सुधारक ग्रुप का गठन कर खट्टर के विरुद्ध अपना अभियान शुरू किया था.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भाजपा के उन सभी विधायकों को घर बैठा दिया है, जिन्होंने करीब ढाई साल पहले उनके खिलाफ अभियान चलाया था. अपने विरोधियों के टिकट कटवा कर खट्टर ने साबित कर दिया है कि हरियाणा में पार्टी के भीतर उन्हें किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है.

खट्टर की कार्यशैली को लेकर जिन विधायकों ने विरोध का झंडा उठाया था, इस बार उनकी टिकट काट दी गई हैं. हालांकि, असंतुष्टों ने खुद को विरोधी कहलाने के बजाए सुधारक बताते हुए कहा था कि पार्टी के हित में आलाकमान का ध्यान आकृष्ट करने को मुख्यमंत्री की खिलाफत नहीं माना जाना चाहिए. बावजूद इसके उन सभी विधायकों को पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया.

इस सूची में रेवाड़ी के विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, गुरु ग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, मुलाना की विधायक संतोष चौहान सारवान, अटेली की विधायक संतोष यादव, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी और कोसली के विधायक विक्र म यादव शामिल हैं. इस अभियान में पर्दे के पीछे उद्योग मंत्री विपुल गोयल की भूमिका भी संदेहास्पद मानी गई और उन्हें भी फरीदाबाद से टिकट नहीं दिया गया. करनाल के भाजपा सांसद संजय भाटिया, जिन्हें मुख्यमंत्री खट्टर का नजदीक माना जाता है, उन्होंने पानीपत की विधायक रोहिता रेवड़ी का टिकट कटवा कर प्रमोद विज को मैदान में उतरने का मौका दिया है.

नाराज विधायकों ने सुधारक ग्रुप का गठन कर खट्टर के विरुद्ध अपना अभियान शुरू किया था. तब मामला इतना बढ़ गया था कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को न केवल इन विधायकों को साथ लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करनी पड़ी थी, बल्कि पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी खट्टर को तलब कर लिया था.

नाराज विधायकों का आरोप था कि मुख्यमंत्री उनकी अनदेखी करते हैं. इस दौरान विधायक उमेश अग्रवाल की तरफ से विधानसभा में भी ऐसे मुद्दे उठाए गए थे, जिससे मुख्यमंत्री को सदन में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था.

उस समय दिया था धैर्य का परिचयखट्टर ने तब हालात शांत होने तक बड़े धैर्य का परिचय दिया था. उन्होंने कहा था, कोई खास बात नहीं है. घर का मामला है, आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाएगा. लेकिन अब विधानसभा चुनावों में उन्होंने उन में से किसी भी विधायकों को टिकट नहीं लेने दी है, जो समय-समय पर उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करते रहे हैं.

टॅग्स :हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019असेंबली इलेक्शन २०१९मनोहर लाल खट्टर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकेंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 'हिंद दी चादर मैराथन' को दिखाई हरी झंडी, 61 हजार युवाओं ने लिया भाग

भारतकर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक वोट चोरी, राहुल गांधी ने कहा- यह अब भी हाइड्रोजन बम नहीं है, अभी आने वाला, वीडियो

भारतक्या है ‘कर्तव्य भवन’?, 6 अगस्त को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, एक ही जगह शास्त्री, कृषि, निर्माण और उद्योग भवन में स्थित कई मंत्रालय होंगे शिफ्ट

भारतDelhi Election Results 2025 Updates: आपको यमुना मईया का श्राप लगा?, यमुना प्रदूषण पर ‘आप’ के बयान पर हुआ हंगामा, हरियाणवी मूल के 10 प्रत्याशी में से 4 जीते, यहां देखें आंकड़े

भारतBirsa Munda Birth Anniversary 2024: दिल्ली के सराय काले खां चौक को मिला नया नाम, अब कहलाएगा बिरसा मुंडा चौक

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत