देश के अगले विदेश सचिव होंगे हर्षवर्धन श्रृंगला, यूएस में भारत के राजदूत हैं, गोखले की जगह लेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 23, 2019 08:44 PM2019-12-23T20:44:01+5:302019-12-23T20:51:26+5:30
श्रृंगला भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं। उनका बतौर राजनियक 30 से अधिक साल का करियर रहा है, वह दिल्ली के अलावा पेरिस, हनोई और तेल अवीव में भारतीय मिशन में विभिन्न पदों पर रहे हैं।
आईएफएस अधिकारी हर्षवर्द्धन श्रृंगला नये विदेश सचिव नियुक्त किए गए हैं। वह अभी अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर पर सेवा दे रहे हैं।
कार्मिक मंत्रालय ने सोमवार को एक आदेश जारी कर उनकी नियुक्ति की घोषणा की। श्रृंगला भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1984 बैच के अधिकारी हैं। आदेश के अनुसार वह 29 जनवरी को विदेश सचिव का प्रभार संभालेंगे।
वह मौजूदा विदेश सचिव विजय केशव गोखले की जगह लेंगे, जिनका दो साल का कार्यकाल इसके एक दिन पहले समाप्त हो रहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी।
श्रृंगला अभी अमेरिका में भारत के राजदूत हैं। वह 29 जनवरी, 2020 को विजय गोखले से विदेश सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे। श्रृंगला भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं। उनका बतौर राजनियक 30 से अधिक साल का करियर रहा है, वह दिल्ली के अलावा पेरिस, हनोई और तेल अवीव में भारतीय मिशन में विभिन्न पदों पर रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में बतौर मंत्री सेवाएं दी हैं और इसके अलावा वियतनाम और दक्षिण अफ्रीका में कॉन्स्युल जनरल के पद पर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव पद पर रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश, श्री लंका, म्यांमार और मालदीव मामलों की जिम्मेदारी को संभाला है। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रैजुएट श्रृंगला विदेश सेवा से जुड़ने से पहले कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं।
Harsh Vardhan Shringla will take over as Foreign Secretary from Vijay Gokhale on January 29, 2020. https://t.co/RWlQnnLCxw
— ANI (@ANI) December 23, 2019
अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत आर्थिक क्षेत्र में प्रगति पर है देश के लिए 21वीं सदी की एक वैश्विक महाशक्ति बनने की परिस्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंने हार्वर्ड केनेडी स्कूल में विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था का रथ आगे बढ़ रहा है और 21वीं सदी में देश के महाशक्ति बन जाने के सारे सही कारण मौजूद हैं।’’ उन्होंने ‘भारत की आर्थिक वृद्धि एवं विकास’ संबोधन में कहा, ‘‘भारत को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में आजादी के बाद 60 साल लगे।