देहरादून: पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद के सिलसिले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के दो दिन बाद उत्तराखंड पुलिस ने कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक यति नरसिंहानंद को शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया। कार्यक्रम में मुसलमानों को निशाना बनाकर और उनके खिलाफ हिंसा का आह्वान करते हुए कई नफरत भरे भाषण दिए गए थे।
उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को यति नरसिंहानंद को हरिद्वार स्थित उनके धरना स्थल से धर्म संसद के मामले में उठा लिया, जहां मुसलमानों के खिलाफ कथित रूप से नफरत भरे भाषण दिए गए थे।
हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (नगर) स्वतंत्र कुमार ने बताया कि यति नरसिंहानंद को पुलिस थाने लाया गया है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि यह तकनीकी रूप से गिरफ्तारी नहीं है।
गाजियाबाद के डासना मंदिर के विवादास्पद महंत नरसिंहानंद ने 17-19 दिसंबर तक हरिद्वार में कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्हें वहीं से उठाया गया, जहां वे मामले के एक अन्य आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी की हाल ही में गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठे थे।
त्यागी को पहले वसीम रिज़वी के नाम से जाना जाता था और उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदल लिया था। त्यागी ने हिंदू धर्म अपनाने से पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड का नेतृत्व किया था। वह कुछ दिन पहले इस मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति थे।
अधिकारी ने कहा कि आगे की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि जांच कैसे आगे बढ़ती है। त्यागी और नरसिंहानंद दोनों घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपियों में शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि इससे पहले दिन में नरसिंहानंद का एक पत्रकार के साथ झगड़ा हुआ था, जिसके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्रकार की शिकायत के आधार पर नरसिंहानंद के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।
शनिवार देर रात पुलिस थाने के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई थी और अधिकारियों ने कहा कि उन्हें तितर-बितर करने के लिए मामूली बल का इस्तेमाल करना पड़ा।
बता दें कि, धर्म संसद का आयोजन 17-19 दिसंबर को हुआ था लेकिन त्यागी और नरसिंहानंद की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र, दिल्ली पुलिस और उत्तराखंड सरकार को पिछले सोमवार को नोटिस जारी करने के बाद हुई है।