गुजरातकांग्रेस के नेता और पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल का 18 जनवरी से कोई अता पता नहीं था, लेकिन वह अब मिल गए हैं। मंगलवार (11 जनवरी) को उन्होंने खुद जानकारी दी। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह गुजरात में पंचायती चुनाव आने की वजह से बीजपी उन्हें जेल में बंद करना चाहती है।
हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा, 'चार साल पहले गुजरात पुलिस ने मुझ पर झूठा मूकदमा दर्ज किया था, लोकसभा चुनाव के वक्त मुझ पर लगे मुकदमे की सूची मैंने अहमदाबाद पुलिस कमिशनर से मांगी थी लेकिन यह मुकदमा सूची में नहीं था। पंद्रह दिन पहले अचानक पुलिस मेरे घर पर मुझे हिरासत में लेने आइ थी, लेकिन मैं घर पर नहीं था।'
उन्होंने कहा, 'इस झूठे मूकदमे में मेरी अग्रिम जमानत की प्रकिया हाईकोर्ट में चल रही हैं। मेरे कई सारे गैर जमानती वारंट भी निकाले गए हैं। गुजरात में पंचायती चुनाव आ रहे हैं, इसीलिए बीजेपी मुझे जेल में बंद करना चाहती हैं। मैं बीजेपी के खिलाफ जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा। जल्द मिलेंगे। जय हिंद।'
हार्दिक पटेल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित राजद्रोह के मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्हें चार दिन बाद जमानत दे दी गई थी, लेकिन पाटन और गांधीनगर जिलों में दर्ज दो मामलों के संबंध में उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया था। पटेल को 24 जनवरी को इन दोनों मामलों में जमानत मिल गई थी। निचली अदालत ने एक बार फिर सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं होने पर सात फरवरी को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।