हामिद अंसारी ने भाजपा का नाम न लेते हुए कहा - ये लोग चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 27, 2022 03:11 PM2022-01-27T15:11:30+5:302022-01-27T15:15:29+5:30

बीजेपी का नाम न लेते हुए हामिद अंसारी ने कहा ये चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं।

Hamid Ansari did not take the name of BJP and said – these people present electoral majority as religious majority | हामिद अंसारी ने भाजपा का नाम न लेते हुए कहा - ये लोग चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं

हामिद अंसारी ने भाजपा का नाम न लेते हुए कहा - ये लोग चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं

Highlightsपूर्व उपराष्ट्रपति ने यह बात पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी एक संस्‍था के कार्यक्रम में कहीहामिद अंसारी ने कहा कि बीते कुछ सालों से असहिष्णुता बढ़ रही हैनागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ मजहबी विवाद पैदा किया जा रहा है

दिल्ली:  भारत के पूर्व उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर विवादास्पद राजनैतिक बयान दिया है। भारत के वर्तमान राजनैतिक सत्ता पर परोक्षरूप से निशाना साधाते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि वर्तमान हालात में भारत आपने संवैधानिक मूल्यों को तेजी से खो रहा है।

उन्होंने भारतीय सत्ता के शीर्ष पर बैठी भारतीय जनता पार्टी का नाम न लेते हुए कहा ये चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। इनकी सोच है कि नागरिकों को उनकी मान्यताओं के आधार पर बांट दिया जाए और सामाजिक असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए।

पूर्व उपराष्ट्रपति ने यह बात गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कही। जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्‍था ने किया था। 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार रखते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि बीते कुछ सालों से असहिष्णुता बढ़ रही है। नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ मजहबी विवाद पैदा किया जा रहा है। यह सब सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के नाम पर वहां हो रहा है, जहां लगभग 20 फीसदी आबादी धार्मिक अल्पसंख्यक है।  

एक सवाल के जवाब में प्रश्न पूछते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि आखिर हमारे सर्व समाज में जब विविधता रखते हुए भी सब साथ रहते हैं तो फिर क्या जरूरत पड़ी कि इतिहास को हमारे सामने तोड़मरोरोड़ कर पेश किया जा रहा है, ऐसा कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब देना होगा।

वहीं पूर्व उपराष्ट्रपति के बयान पर केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना का रूप अब बदल रहा है। इसे अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। नकवी ने कहा कि जो कल तक अल्‍पसंख्‍यकों का शषण करते थे, वह देश के मौजूदा सकारात्‍मक माहौल से चिंतित हैं।

Web Title: Hamid Ansari did not take the name of BJP and said – these people present electoral majority as religious majority

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