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Haldwani Violence: कौन हैं हल्द्वानी की डीएम वंदना सिंह? कभी आईएएस बनने के लिए 14 घंटे करती थी पढ़ाई

By धीरज मिश्रा | Updated: February 9, 2024 17:06 IST

DM Vandana Singh IAS: उत्तराखंड के हल्द्वानी में तनावपूर्ण माहौल है। क्योंकि इंदिरा नगर के बनभूलपुरा इलाके में एक मदरसे को हटाने की पुलिस की कोशिश के बाद यहां बीते गुरुवार शाम हिंसा भड़क उठी।

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ठळक मुद्देपहले प्रयास में यूपीएससी क्रेक करने में सफल हुई थी वंदना सिंह हल्द्वानी में पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति को शांत कराने की जिम्मेदारी वंदना के कंधों पर 14 घंटे रोजाना पढ़ती थी वंदना, कमरे में नहीं लगाया था कूलर

DM Vandana Singh IAS: उत्तराखंड के हल्द्वानी में तनावपूर्ण माहौल है। क्योंकि इंदिरा नगर के बनभूलपुरा इलाके में एक मदरसे को हटाने की पुलिस की कोशिश के बाद यहां बीते गुरुवार शाम हिंसा भड़क उठी।

यहां पर पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने की जिम्मेदारी जिले की डीएम आईएएस अधिकारी वंदना सिंह के कंधों पर है। चलिए जानते हैं कि वंदना सिंह हैं कौन और कैसे वह आईएएस अधिकारी बनी।

कहा जाता है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक होती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवाद को अपना फोकर केंद्रित करना होता है। क्योंकि, कई उम्मीदवार कई प्रयास के बाद भी यूपीएससी पास करने का सपना पूरा नहीं कर पाते हैं।

जबकि, कुछ ऐसे होनहार होते हैं जो एक बार के प्रयास में ही यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर लेते हैं। इसी कड़ी में हल्द्वानी की डीएम वंदना सिंह का नाम भी आता है। डीएम वंदना ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी जैसी परीक्षा पास कर ली।

खास बात यह है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने किसी भी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली। बस अपनी सेल्फ स्टडी के दम पर परीक्षा में सफलता हासिल की।

हरियाणा के नरसुल्लागढ़ की रहने वाली वंदना सिंह का जन्म 4 अप्रैल 1989 को हुआ। जिस परिवार में वंदना ने जन्म लिया। वहां लड़कियों को पढ़ाना आम बात नहीं थी। इन सबके बावजूद उन्होंने पढ़ाई की।

साथ ही आईएएस बनने का सपना बुना। अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू की। 

दिन में 14 घंटे की पढ़ाई की

वंदना सिंह ने सोच लिया था कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा क्रेक करना ही है। उन्होंने इसके लिए 14 घंटे रोजाना पढ़ना शुरू किया। गर्मियों में जहां आप कूलर में थे। वहां वंदना ने अपने कमरे में कूलर नहीं लगाया। ऐसा करने के पीछे कारण था कि कूलर चलने से नींद आ जाएगी।

वंदना के लंबे संघर्ष ने उन्हें सफलता भी दिलाई। उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्हें 8वीं रैंक मिली थी।

टॅग्स :उत्तराखण्डIASसंघ लोक सेवा आयोगपुष्कर सिंह धामीUPSCPushkar Singh Dhami
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