Gyanvapi Masjid Case: नमाजियों की एंट्री पर असदुद्दीन ओवैसी बोले- कुछ राहत की बात, कहा- ट्रॉयल कोर्ट नहीं सुना था पक्ष
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 17, 2022 07:00 PM2022-05-17T19:00:55+5:302022-05-17T19:02:46+5:30
Gyanvapi Masjid Case: न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया।
Gyanvapi Masjid Case: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोअर कोर्ट का निर्णय पूर्णत: गैरकानूनी है। हम उम्मीद कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट उस आदेश पर स्टे लगा देगा लेकिन इससे हमें निराशा हुई है। लेकिन हम आगे उम्मीद करते हैं कि निचली अदालत के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट स्टे लगाएगा।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि हमें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय पूर्ण न्याय करेगा, क्योंकि गंभीर प्रक्रियात्मक अनुचितता हुई थी। आयुक्त ने निचली अदालत के न्यायाधीश को रिपोर्ट नहीं दी, याचिकाकर्ता ने आवेदन किया और मुस्लिम पक्ष को नोटिस दिए जाने से पहले, न्यायाधीश ने क्षेत्र की रक्षा करने और नमाजियों को 20 तक सीमित करने का आदेश पारित किया है।
The order is unfair, we hope SC will completely stay the order & recognise unfairness in ignoring the 1991 Places of Worship Act, Allahabad HC order & sealing without hearing of the other party. The order of the trial court was wrong, unfair & illegal:AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/pcZDaxccHH
— ANI (@ANI) May 17, 2022
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां शिवलिंग पाये जाने की बात कही जा रही है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मुस्लिम बगैर किसी बाधा के नमाज अदा करना जारी रख सकते हैं।
हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने दीवानी न्यायाधीश, वाराणसी के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जो ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े वाद की सुनवाई कर रहे हैं। न्यायालय ने याचिकाकर्ता हिंदू श्रद्धालुओं को नोटिस जारी किये और मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की।