गुजरात: तीन भाजपा शासित नगर निकायों में सड़क किनारे मांसाहारी खाना बेचने पर रोक, अहमदाबाद में भी ऐसी मांग
By विशाल कुमार | Published: November 14, 2021 10:54 AM2021-11-14T10:54:45+5:302021-11-14T11:10:57+5:30
इस मामले पर भाजपा नेताओं में दो फाड़ हो गया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सभी नगर निकायों को निजी आस्था वाले इस मामले पर की गई घोषणा को वापस लेने का निर्देश दिया है. गुजरात में सभी आठ नगर निगम भाजपा द्वारा शासित हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
अहमदाबाद:गुजरात में भाजपा शासित कम से कम तीन नगर निकायों में सड़क किनारे मांसाहारी खाना बेचने वालों पर रोक लगा दी है जिसके बाद ऐसी ही कार्रवाई अहमदाबाद नगर निकाय में करने की कोशिश की गई. गुजरात में सभी आठ नगर निगम भाजपा द्वारा शासित हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा नगर निकाय की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने गुरुवार को सार्वजनिक स्थानों से मांस हटाने के लिए खाने की स्टालों के लिए 15 दिन की समय सीमा निर्धारित की थी.
इससे पहले बुधवार को राजकोट सिटी के मेयर ने भी ऐसी ही घोषणा की थी और नगर निकाय ने इन स्टॉलों को ट्रैफिक बढ़ाने वाला और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए हटाना शुरू कर दिया था.
इसके बाद अहमदाबाद नगर निगम राजस्व समिति के अध्यक्ष जैनिक वकील ने शनिवार को नगर आयुक्त और स्थायी समिति को सड़कों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र लिखा.
वहीं, इस मामले पर भाजपा नेताओं में दो फाड़ हो गया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सभी नगर निकायों को निजी आस्था वाले इस मामले पर की गई घोषणा को वापस लेने का निर्देश दिया है.
पाटिल ने कहा कि मैंने वडोदरा और राजकोट नगर निकायों के अधिकारियों से बात की है और उनसे कहा है कि वे मांसाहारी खाने के स्टॉलो को सड़कों से न हटाएं. यह स्वतंत्र नेताओं की निजी राय थी और राज्य भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है और हम इसे पूरे राज्य में लागू नहीं करेंगे.
हालांकि, वडोदरा के मेयर केयूर रोकड़िया ने पाटिल ने निर्देश मिलने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि हम सड़कों से कोई स्टॉल नहीं हटा सकते हैं या मनमाने ढंग से किसी को विशेष प्रकार का खाना बेचने से नहीं रोक सकते हैं. लेकिन भोजन, खासकर मांसाहारी, को ढकने में कोई बुराई नहीं है.