Arjun Modhwadia resigns: गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा कि प्रभु राम सिर्फ हिंदुओं के लिए पूजनीय नहीं हैं, बल्कि वह भारत के आस्था हैं। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण अस्वीकार करने से भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। पार्टी लोगों की भावनाओं का आकलन करने में विफल रही। इस पवित्र अवसर को और अधिक विचलित करने और अपमानित करने के लिए, राहुल गांधी ने असम में हंगामा खड़ा करने का प्रयास किया, जिससे हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और भारत के नागरिक और नाराज हो गए। मोढवाडिया पोरबंदर से विधायक थे। विधानसभा अध्यक्ष शंकर लाल चौधरी से मिलकर इस्तीफा सौंपा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। राहुल गांधी की न्याय यात्रा गुजरात पहुंचने वाली थी। इससे पहले ही झटका लगा है। सौराष्ट से आते हैं। राज्य के बड़े ओबीसी नेता हैं। इनकी गिनती अहमद पटेल के बाद दूसरे नेता के रूप में होती रही है। ऐसी संभावना है कि भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दल कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और वह मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। उनके इस्तीफे की घोषणा से ठीक पहले, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा कि रविवार रात हुई एक बैठक के दौरान पार्टी की अनुशासनात्मक समिति ने डेर को पार्टी के सभी पदों और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया। गोहिल ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
गोहिल के इस बयान से पहले, भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख सी आर पाटिल के पूर्व विधायक डेर के घर जाने की फुटेज स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित की गई। कांग्रेस की कार्रवाई की गोहिल द्वारा घोषणा किये जाने के कुछ ही मिनट के भीतर, डेर ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन बुलाया और कहा कि पता ही नहीं चला कि उन्हें कब पार्टी ने निलंबित कर दिया।
साथ ही, डेर ने ऐलान किया कि वह मंगलवार को गांधीनगर में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय ‘कमलम’ में पार्टी में शामिल होंगे। डेर (46) ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस छोड़ने का मुख्य कारण अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर का पार्टी के नेताओं द्वारा दौरा नहीं करने का निर्णय है। पूर्व विधायक ने दावा किया कि यह उनकी ‘घर वापसी’ होगी क्योंकि वह अतीत में भाजपा के साथ थे और जब वह नौजवान थे तो उन्होंने इसके लिए व्यापक स्तर पर काम किया था। डेर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे पता ही नहीं चला कि कांग्रेस ने कब निलंबित कर दिया।
लेकिन, मैंने सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है और यह पहले ही फैक्स और ईमेल के जरिए हमारे आलाकमान तक पहुंच चुका है।’’ किसी का नाम लिए बिना डेर ने कहा कि नेताओं को यह समझना चाहिए कि राजनीतिक दल को गैर सरकारी संगठन की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए। डेर ने 2017 से 2022 तक कांग्रेस विधायक के रूप में अमरेली जिले की राजुला सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
उन्होंने राज्य के मंत्री पुरषोत्तम सोलंकी के छोटे भाई और भाजपा नेता हीरा सोलंकी को हराया था। गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले, डेर को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और हीरा सोलंकी से हारने के बावजूद वह इस पद पर बने रहे।
ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा द्वारा हीरा सोलंकी को राजुला विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है और उन्हें भावनगर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है तथा डेर राजुला सीट उपचुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर डेर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।