GST Council 41st Meeting: राज्यों को मुआवजे देने पर महामंथन, काउंसिल ने दिया दो प्रस्ताव

By पल्लवी कुमारी | Published: August 27, 2020 04:56 PM2020-08-27T16:56:48+5:302020-08-27T16:56:48+5:30

जीएसटी (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक में आज राज्यों को मिलने वाले जीएसटी कंपेनसेशन और कई प्रॉडक्ट पर जीएसटी रेट्स रिविजन को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई। जिसके बाद प्रेस ब्रीफिंग कर मीडिया को जानकारी दी गई।

GST Council Meeting States have asked for 7-day window to think about the 2 options | GST Council 41st Meeting: राज्यों को मुआवजे देने पर महामंथन, काउंसिल ने दिया दो प्रस्ताव

Nirmala Sitharaman (File Photo) Finance Minister of India

Highlightsराज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है। वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी की आशंका है।

नई दिल्ली: जीएसटी (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक में आज (27 अगस्त) को राज्यों को मुआवजा देने की बात कही जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त सचिव ने कहा कि  कोरोना महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आई है। जीएसटी कंपेनसेशन कानून के मुताबिक देखा जाए तो राज्यों को मुआवजा दिए जाने की आवश्यकता है। वित्त सचिव ने कहा, वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र ने राज्यों को जीएसटी कंपेनसेशन के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये दिए। इसमें मार्च में दिए गए 13806 करोड़ भी शामिल है। वित्त वर्ष 2019-20 में सेस कलेक्शन 95444 करोड़ रहा।

बैठक में यह भी कहा गया कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी की आशंका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच घंटे चली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो वकिल्पों पर चर्चा की गयी।राज्यों को मुआवजा राशि की भरपाई के लिए दो ऑप्शन दिए गए हैं। पहला- केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे। दूसरा- आरबीआई से उधार लिया जाय। राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-  प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में गिरावट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिये हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी।  वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।

राजस्व सचिव ने कहा है कि महान्यायवादी ने यह राय दी है कि जीएसटी संग्रह में आने वाली कमी की भरपाई भारत की संचित निधि से नहीं की जा सकती है।

बता दें कि राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है। केंद्र सरकार ने हाल ही में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया कि उसके पास राज्यो को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं। 

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद राजस्व सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर बहुत बुरा असर पड़ा है। महान्यायवादी ने यह राय दी है कि जीएसटी संग्रह में आने वाली कमी की भरपाई भारत की संचित निधि से नहीं की जा सकती। वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रही है, इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपये की कमी का कारण जीएसटी क्रियान्वयन है। शेष कमी का कारण महामारी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच घंटे चली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो वकिल्पों पर चर्चा की गयी। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिये हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी। कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में अप्रैल-जुलाई के लिये राज्यों का बकाया 1.5 लाख करोड़ रुपये है।

Web Title: GST Council Meeting States have asked for 7-day window to think about the 2 options

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे