नई दिल्ली: जनता की समस्याओं को संसद में प्रभावी ढंग से उठाने वाले सर्वश्रेष्ठ सांसदों को बुधवार को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जाएगा. राजधानी दिल्ली स्थित नए महाराष्ट्र सदन में यह पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया है. यह पुरस्कार का छठा संस्करण है. संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सांसदों को ‘लोकमत’ पत्र समूह की ओर से पिछले पांच वर्षों से ‘लोकमत पार्लियामेंटरी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा रहा है. इसी कड़ी में बुधवार शाम छह बजे लोकसभा और राज्यसभा के चार-चार सांसदों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ की ज्यूरी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल तथा सहकार और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल उपस्थित रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई की भी विशेष उपस्थिति रहेगी.
लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा और लोकमत के एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा की मौजूदगी में यह समारोह होगा. इसके अलावा, ‘लोकमत’ कॉन्क्लेव के तहत दो विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए गए हैं. पहला सत्र दोपहर तीन बजे से शुरू होगा,
जिसमें ‘फ्रीबीज बिफोर पोल्स-अ बून ऑर बेन’ विषय पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद सुनील तटकरे और राज्यसभा सांसद प्रो. मनोजकुमार झा अपने विचार रखेंगे. दूसरा सत्र साढ़े चार बजे से शुरू होगा. ‘चैलेंजेस बिफोर कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडीज’ विषय पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी और राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी अपने विचार व्यक्त करेंगे.
इस वर्ष की ज्यूरी में पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल (अध्यक्ष), लोकसभा सांसद प्रो. सौगत राय, भर्तृहरि महताब, डॉ. निशिकांत दुबे, कनिमोझी करुणानिधि, राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा, जया बच्चन, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त, लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा और नेशनल एडिटर हरीश गुप्ता शामिल थे.