नई दिल्ली, 29 मार्च: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की सिफारिश के बाद अब यूपी में बाबा भीमराव आंबेडकर के नाम के मिडिल में 'रामजी' जोड़ा जाएगा। इस फैसले पर बात करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा है- 'मैं मराठी हूं और भीमराव आंबेडकर भी थे। हिंदी भाषी राज्य उनका नाम गलत तरीके से लिखते हैं। सबसे जरूरी बात उनका नाम भीम और राव दो शब्दों में लिखा जाता है। जबकि लिखने का सही तरीका भीमराव होता है।'
दरअसल राज्यपाल राम नाईक काफी समय से नाम में 'रामजी' जोड़ने को लेकर एक कैंपेन चला रहे थे। उनका कहना है कि आंबेडकर महाराष्ट्र से जुड़े थे। लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ पिता का नाम रामजी नहीं जोड़ा गया। उनका कहना था कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहब का अधूरा नाम लेते आए हैं। पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल राम नाईक ने बाबा भीमराव आंबेडकर जयंती पर उनका नाम गलत लिखे जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम वैसे ही लिखा जाना चाहिए, जिस तरह वो खुद लिखता हो।
जिसके बाद राज्यपाल ने संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल योगी सरकार से अनुशंसा की कि बाबा साहब ने अपना नाम डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है। लिहाजा इसे सही किया जाए। इसे देखते हुए ही यूपी सरकार ने अभिलेखों में उनका पूरा नाम लिखने का निर्देश दिया है।