राज्यपाल मलिक ने कहा- जो अनुच्छेद 370 के हिमायती हैं, जनता ऐसे नेता को जूते मारेगी, राहुल गांधी राजनीतिक रूप से बच्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 28, 2019 08:20 PM2019-08-28T20:20:11+5:302019-08-28T20:20:11+5:30
राज्य के लोगों की पहचान और संस्कृति सुरक्षित रहेगी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा गत पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद मलिक ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए इंटरनेट एक आसान हथियार है तथा कनेक्शनों की बहाली कुछ और समय तक स्थगित रहेगी।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के बाद राज्य में जनहानि रोकने के लिए प्रतिबंध जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की पहचान और संस्कृति सुरक्षित रहेगी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा गत पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद मलिक ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए इंटरनेट एक आसान हथियार है तथा कनेक्शनों की बहाली कुछ और समय तक स्थगित रहेगी।
इस बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विवादित बयान दे दिया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि चुनाव में जनता ऐसे नेताओं को जूते मारेगी जो अनुच्छेद 370 के हिमायती हैं।
J&K Guv says,"Rahul Gandhi ne political juvenile ki tarah behave kiya hai.Aaj UN mein Pak ki chithi mein uske bayanat darz hai... jis waqt desh mein chunav aayega unke virodhi ko kuch kehni ki zaroot nahi hai woh bas ye keh denge,yeh 370 ke himayati hai toh log juton se maarenge" pic.twitter.com/gqXQARPMNf
— ANI (@ANI) August 28, 2019
उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पेलेट गन का इस्तेमाल किया। लोगों को चोट न पहुंचे, इसके लिए अत्यंत सावधानी बरती गई। राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि अगले तीन महीनों में राज्य में 50 हजार नौकरियां उपलब्ध होंगी।
जम्मू कश्मीर में यह सबसे बड़ा भर्ती अभियान होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र जम्मू कश्मीर पर जल्द ही कोई ‘बड़ी’ घोषणा करेगा। मलिक ने कहा, ‘‘राजनीतिक नेताओं की हिरासत को लेकर दुखी न हों, यह उनके राजनीतिक करियर में मदद करेगी।’’
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से बच्चा करार दिया। राज्यपाल ने कहा कि राहुल परिपक्व नेता की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करना चाहिए था। राज्यपाल ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के अभिभावकों को बच्चों को स्कूल बेचने के लिए दबाव नहीं डाल सकते हैं और न ही दुकानदारों को दुकान खोलने के लिए मजबूर कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि वे इतना ही कहना चाहते हैं कि वे ऐसे लोगों के लिए अनुच्छेद-370 वापस नहीं ला सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद मुख्यधारा के सियासतदानों को हिरासत में रखने को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह कहते हुए न्यायोचित ठहराने की कोशिश की कि जितना ज्यादा वक्त वे जेल में रहेंगे उन्हें उतना ही राजनीतिक फायदा मिलेगा।
इस महीने पांच तारीख को केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने के बाद पहली बार पत्रकार वार्ता कर रहे मलिक से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और अन्य सियातसतदानों को हिरासत में लेने तथा उन्हें रिहा करने के बारे में पूछा गया था।
सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया हुआ है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘ क्या आप नहीं चाहते हैं लोग नेता बनें। मैं 30 बार जेल गया हूं। जो लोग जेल जाते हैं, वे नेता बनते हैं। उन्हें वहां रहने दें। जितना ज्यादा वक्त वे जेल में बिताएंगे, चुनाव प्रचार के समय उतना ही वे दावे कर पाएंगे। मैंने छह महीने जेल में गुज़ारे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए अगर आपको उनसे हमदर्दी है, तो उन्हें हिरासत में लेने से दुखी नहीं हों। वे सभी अपने घरों में हैं।
मैं आपातकाल के दौरान फतेहगढ़ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे। अगर किसी मुद्दे पर किसी को हिरासत में लिया जाता है और उसकी मर्जी है तो वह राजनीतिक लाभ लेगा।’’ फारूक अब्दुल्ला अपने घर में हैं, जबकि उनके बेटे उमर हरि निवास में हैं। वहीं महबूबा मुफ्ती को चश्मेशाही में रखा गया है।