सरकार 30 महीने के भीतर बोडो समझौते के सभी प्रावधानों को लागू करेगी: शाह
By भाषा | Updated: March 22, 2021 20:47 IST2021-03-22T20:47:08+5:302021-03-22T20:47:08+5:30

सरकार 30 महीने के भीतर बोडो समझौते के सभी प्रावधानों को लागू करेगी: शाह
उदलगुड़ी/माजुली/जोनाई (असम), 22 मार्च केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित बोडो समझौते की सभी प्रावधानों को ढाई साल के भीतर लागू किया जाएगा।
शाह ने बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्र (बीटीआर) के तहत आने वाले उदलगुड़ी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद यह निर्णय लिया गया था कि सभी उग्रवादी हथियार डाल देंगे और केंद्र क्षेत्र का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘बोडो समझौते में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रत्येक वादे को पूरा किया जाएगा और सभी खंडों को ढाई साल के भीतर लागू किया जाएगा। हम बोडो क्षेत्रों में शांति और विकास चाहते हैं।’’
शाह ने कहा कि युवाओं को ‘‘बंदूक उठाने की बजाय विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग करना चाहिए और हथगोले का उपयोग करने के बजाय राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा से असम के विकास और बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्र के बारे में चिंतित रहते हैं और ‘‘यह उनकी पहल के कारण है कि क्षेत्र में शांति बनी हुई है। कांग्रेस शासन के दौरान बोडोलैंड में हिंसा में पांच हजार से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन कांग्रेस नेता ‘‘राजनीति की रोटी सेंकते रहे’’।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस, हग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाला बोडो पीपुल्स फ्रंट और एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल एकसाथ आए हैं। क्या वे क्षेत्र में शांति और विकास ला सकते हैं।’’
केंद्र ने पहले ही 5000 करोड़ रुपये के विकास पैकेज की घोषणा की है और इसमें से 750 करोड़ रुपये पहले ही बीटीआर के लिए 65 योजनाओं के लिए मंजूर किए जा चुके हैं, जबकि आत्मसमर्पण करने वाले युवाओं में से अब तक प्रत्येक को 4.5 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। बोडो भाषा को राज्य सरकार द्वारा सहयोगी भाषा घोषित किया गया है।
केंद्र, राज्य और एनडीएफबी के चार धड़ों सहित बोडो संगठनों के बीच जनवरी 2020 में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राज्य के हालिया दौरे पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधी के लिए ‘‘राज्य का दौरा एक पिकनिक की तरह है। वह आए और चाय बागान के मजदूरों से मिले, चार पीढ़ियों से, उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया लेकिन अब वे उनकी मजदूरी बढ़ाने की बात कर रहे हैं।’’
भाजपा नेता ने कहा कि यह भाजपा सरकार है, जिसने उनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें गर्भवती श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, पोषण, उनके लिए बैंक खाते खोलना और पिछले पांच वर्षों के दौरान उनकी मजदूरी में 2.5 गुना वृद्धि करना शामिल है जबकि 1000 करोड़ रुपये इस साल के केंद्रीय बजट में उनके कल्याण के लिए अलग से आवंटित किये गए हैं।
इससे पहले, शाह ने माजुली में एक चुनावी रैली को संबोधित किया जहां से मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल चुनाव लड़ रहे हैं। शाह ने कहा कि भाजपा ही असम को घुसपैठ, उग्रवाद और बाढ़ से मुक्त कर सकती है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन कर रही है ‘‘जिसके बारे में सभी को पता है कि वह अपने निहित स्वार्थों के लिए घुसपैठियों को लाते हैं। राहुल गांधी असम की 'अस्मिता' की रक्षा करने की बात करते हैं, लेकिन आज मैं उनसे सार्वजनिक रूप से पूछना चाहता हूं - क्या कांग्रेस एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के साथ यह कर पाएगी।’’
शाह ने कहा कि यदि किसी भी तरह से अजमल सत्ता में आते हैं, ‘‘क्या असम घुसपैठियों से सुरक्षित रहेगा।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या राज्य के लोग चाहते हैं कि राज्य में और अधिक घुसपैठियों का आना शुरू हो जाए।’’
शाह ने कहा कि उन्होंने हाल ही में बोरदुवा में श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली का दौरा किया था, जहां कांग्रेस के शासनकाल में घुसपैठियों द्वारा भूमि का अतिक्रमण किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों से पूछा था कि मेरा हेलीकॉप्टर कहां उतरेगा और उन्होंने कहा कि उस जगह पर जहां कभी अतिक्रमण करने वाले रहते थे। मैं आश्चर्यचकित था कि वहां (अब) एक भी कब्जा करने वाला नहीं था और यह पिछले पांच वर्षों में राज्य में सर्बानंद सोनोवाल सरकार के शासन में संभव हो पाया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उस पवित्र भूमि को भी नहीं छोड़ा था, जहां नव-वैष्णव संत का जन्म हुआ था लेकिन भाजपा उनके संदेश को देश भर में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने 'नामघरों' के ढांचागत विकास के लिए अनुदान देकर राज्य के धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है, जो 50 साल से अधिक पुराने हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रसिद्ध काजीरंगा जंगलों में, कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने अतिक्रमणकारियों और शिकारियों दोनों को संरक्षण दिया था लेकिन भाजपा सरकार ने सुनिश्चित किया कि अतिक्रमण करने वाले हटाये जाएं और असम के गौरव गैंडों का अवैध शिकार रोका जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह सरकार घुसपैठ रोक सकती है, जहां अजमल हों। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में भाजपा ही है, जो ऐसा कर सकती है।’’
शाह ने यह भी आरोप लगाया कि पांच वर्ष पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब आंदोलन, हिंसा, बम विस्फोट, लोगों की मौत होना और कर्फ्यू लगना आम बात थी। शाह ने कहा, ‘‘आतंकवाद का नंगा नाच चारों ओर चल रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2016 में, मैं आपके पास पार्टी अध्यक्ष के रूप में आया था और यह वादा किया था कि यदि भाजपा राज्य में सरकार बनाती है तो हम इसे 'आतंकवाद' (उग्रवाद), 'घुसपैठ', 'आंदोलन' और कर्फ्यू मुक्त बनाएंगे।’’
शाह ने कहा, ‘‘आज मैं आपको यह बताने आया हूं कि सोनोवाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ऐसा किया है और राज्य को विकास के पथ पर ले गई है।’’
उन्होंने दावा किया कि 15 साल के कांग्रेस के शासन के दौरान, राज्य में अलग-अलग उग्रवादी संगठन थे। हालांकि, भाजपा के पिछले पांच वर्षों के दौरान दो हजार से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और बोडो समझौते पर एनडीएफबी के अलग-अलग गुटों के साथ हस्ताक्षर किए गए, जिससे बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्र (बीटीआर) में स्थायी शांति आई है।
उन्होंने कांग्रेस पर ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा की नीति ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ है।
उन्होंने दावा किया कि ‘‘कांग्रेस ने असमिया लोगों और बंगाली लोगों के बीच, मैदानी इलाकों और पहाड़ी इलाकों के बीच, ऊपरी असम और निचले असम के बीच दरार डाली, जबकि भाजपा सभी छोटे समुदायों को साथ लेकर आई और विकास के जरिए उन्हें जोड़ा।’’
शाह ने कहा, ‘‘इस चुनाव में लोगों को यह तय करना है कि वे शांति और विकास चाहते हैं या नहीं। यह चुनाव विधायकों या एक मुख्यमंत्री को चुनने के लिए नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विकास जारी रहे और असम का गौरव और वैभव और बढ़े।’’
माजुली का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद वह सोनोवाल सरकार थी, जिसने इसे जिला घोषित किया और पहली बार वहां कैबिनेट की बैठक हुई।
प्रधानमंत्री ने 18 फरवरी को नदी द्वीप के लिए कई परियोजनाओं और योजनाओं की घोषणा की थी, जिसमें जोरहाट और माजुली को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र पर 700 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण भी शामिल है।
शाह ने कहा, ‘‘इससे पहले माजुली नदी-मार्ग से ही पहुंचा जा सकता था, लेकिन हाल ही में सोनोवाल ने यहां एक हेलीपोर्ट का उद्घाटन किया और अब यहां हवाई मार्ग और जलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है, जबकि कुछ वर्षों में यहां सड़क मार्ग से भी पहुंचना संभव होगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने बाढ़ के पानी को संग्रहित करने के लिए जलाशय बनाने और उपग्रह मानचित्रण के माध्यम से असम को बाढ़-मुक्त बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की है। शाह ने कहा कि अगले पांच साल के भीतर राज्य को बाढ़ मुक्त बना दिया जाएगा।
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