सरकार गाय के गोबर और गौमूत्र से बने उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। इसकी महत्ता को देखते हुए कई लोग भी गाय के गोबर और गौमूत्र से बने उत्पादों पर स्टार्टअप के लिए फोकस हो रहे हैं। इसके लिए मोदी सरकार 60 फीसदी तक धनराशि सरकारी फंड से दे रही है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन ने कहा है कि डेयरी के साथ-साथ गाय के गोबर और गौमूत्र से बने स्टार्टअप के लिए लोग शुरुआती निवेश की 60 फीसदी धनराशि सरकारी फंडिग से हासिल कर सकते हैं।
काउ बोर्ड के चेयरमैन वल्लभ कथीरिया ने एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में बताया, 'हम युवाओं को गाय पर आधारित उद्योग के लिए प्रोत्साहित करेंगे और उनसे गाय के मुख्य उत्पाद दूध और घी ही नहीं बल्कि औषधीय और कृषि उद्देश्यों के लिए गौमूत्र और गाय का गोबर भी हासिल करेंगे।' मोदी सरकार ने इस तरह के नए बिजनेस को रफ्तार देने के लिए साल 2019 में फरवरी में 500 करोड़ रुपये के शुरुआती धनराशि के साथ कामधेनु आयोग की शुरुआत की थी।
कथीरिया ने कहा, 'गौमूत्र और गाय के गोबर का औद्योगीकरण लोगों को प्रोत्साहित करेगा कि वे ऐसी गायों को न छोड़ें जिन्होंने दूध देना बंद कर दिया है। हम काउ बाय प्रॉडक्ट्स के औषधीय मूल्यों पर होने वाले रिसर्च को भी प्रोत्साहित करेंगे। बोर्ड ऐसे बाय प्रॉडक्ट्स के लिए स्कॉलर्स और रिसर्चर्स को अपना प्रॉजेक्ट दिखाने के लिए एक मंच भी देगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'जो लोग पहले से ही गौशाला चला रहे हैं, हम उनके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और स्किल डिवेलपमेंट कैंप का भी आयोजन करेंगे।' बता दें बोर्ड चेयरमैन ने पहले ही काउ टूरिज्म सर्किट को बढ़ावा देने की योजना का ऐलान किया हुआ है।