बिहार: जनता दरबार में खुली सरकारी व्यवस्था की पोल, गुस्से में लाल-पीला हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
By एस पी सिन्हा | Published: December 12, 2022 04:03 PM2022-12-12T16:03:13+5:302022-12-12T16:03:13+5:30
राज्य के विभिन्न इलाके से आये लोगों की फरियाद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुनी और इसके समाधान के लिए मंत्री व अधिकारियों को निर्देश दिये। इस दौरान फरियादियों को सुनते हुए ही एक समय अचानक ही मुख्यमंत्री गुस्से से लाल हो गए।
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज एक बार फिर से सरकारी व्यवस्था की पोल खुलती रही। राज्य के विभिन्न इलाके से आये लोगों की फरियाद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुनी और इसके समाधान के लिए मंत्री व अधिकारियों को निर्देश दिये।
इस दौरान फरियादियों को सुनते हुए ही एक समय अचानक ही मुख्यमंत्री गुस्से से लाल हो गए। दरअसल, यह बात सामने आई कि जनता दरबार में आने वाले फरियादियों की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। एक समस्या के लिए फरियादियों को बार-बार आना पड़ता है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं करते।
आज के जनता दरबार में ऐसे कई फरियादी आये थे जो दूसरी दफे मुख्यमंत्री से एक ही फरियाद लेकर पहुंचे थे। ऐसे में जनता दरबार की पोल खुलने के बाद नीतीश कुमार गुस्सा गये। उन्होंने अपने सचिवालय के अधिकारियों से कहा कि नोट करिए जो एक ही समस्या लेकर दूसरी दफे पहुंचे हैं। आखिर यहां आने के बाद भी काम क्यों नहीं हो रहा?
दरअसल, जनता दरबार में आई एक छात्रा की शिकायत पर नीतीश कुमार भड़क गए और पहले तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और पटना के जिलाधिकारी को भी हड़काते हुए कहा कि इस लड़की को अब तक छात्रवृति का लाभ क्यों नहीं मिला है? जबकि यह लड़की 2019 में ही स्नातक पास कर चुकी है। तत्काल जाकर देखिए इसको, तुरंत मिलना न चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि हम रिपोर्ट भेज देते हैं। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि भेज देते हैं तो भेजिए ना.... इसको इतना दिन से क्यों नहीं मिला? जबकि 2019 में पास की है। वहीं, पश्चिम चंपारण से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार की पोल खोल दी। कहा कि पिता की कोरोना से मृत्यु पर मुआवजा को लेकर दूसरी दफे आपके पास आये हैं। अब तक सरकारी सहायता नहीं मिली।
फरियादी की शिकायत सुन सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम चंपारण से आया है सत्य कुमार पांडेय। इसके पिता की मृत्यु कोविड से हुई थी। अप्रैल में यह आया था जनता दरबार में। उस समय हो गया था कि मिल जायेगी सहाता राशि। अब तक नहीं मिला है। क्यों नहीं क्लियर किया है? हर बार तो आ ही रहा न यह आदमी। जो आ गया है जनता दरबार में उसको कर न दीजिए। यह दूसरी बार आ रहा है, जनता दरबार में। इसको देख लीजिए।
इसके बाद आपदा प्रबंधन के सचिव को मुख्यमंत्री ने फोन लगाया और कहा कि अब तक 4-5 आ गया, कोरोना से मृत्यु वाला। आप जाइए..प्रत्यय जी आपसे बात करेंगे। जा कर देखिए। जनता दरबार में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों की अंबार लग गई।