लॉकडाउन में कानूनी सलाह के लिये सरकार की ‘टेली-लॉ योजना’ बनी जनता की मददगार
By भाषा | Updated: April 30, 2020 15:14 IST2020-04-30T15:14:21+5:302020-04-30T15:14:21+5:30
कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान कानूनी सलाह लेने के लिये सरकार की ‘टेली लॉ’ योजना जनता के लिये वरदान बन गयी है।

सरकार की ‘टेली-लॉ योजना’ बनी जनता की मददगार
नई दिल्ली।कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान कानूनी सलाह लेने के लिये सरकार की ‘टेली लॉ’ योजना जनता के लिये वरदान बन गयी है। लॉकडाउन के दौरान राशन के लिये पंजाब में दिहाड़ी मजदूर से लेकर त्रिपुरा में फर्जी खबरें प्रसारित करने वाले समूह को चुनौती देने तक के मामलों में कानूनी सलाह के लिये लोग ‘टेली लॉ’ योजना की मदद ले रहे हैं।
कानून मंत्रालय ने इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मुकदमे की स्थिति आने से पहले ही फोन पर कानूनी सलाह के लिये वकीलों का एक पैनल बनाया था, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से सामने आ रही तमाम दूसरी परेशानियों में मदद के लिये भी लोग इसके नंबर पर फोन कर रहे हैं। देश में कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिये 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिये लॉकडाउन लगाया गया था। इसकी अवधि बाद में तीन मई तक बढ़ा दी गयी थी।
कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस समय जब लोग इस सेवा के स्थानीय केन्द्र पर फोन करते हैं तो वकीलों के पैनल से उन्हें जोड़ दिया जाता है, जो उनके सवालों के जवाब देते हैं। विभाग ने ऐसे आठ मामलों का संकलन किया है, जिनमें टेली लॉ योजना के माध्यम से लोगों की मदद की गयी है। पंजाब के मोगा जिले के रहनेवाले प्रेम कुमार ने स्थानीय केन्द्र को फोन करके कहा कि उनके पास राशन खरीदने के लिये पैसा नहीं है तो इस पैनल के वकील अक्श बसरा ने उन्हें सरकार की हेल्प लाइन का नंबर उपलब्ध कराया। न्याय विभाग के अधिकारी के अनुसार इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इस व्यक्ति के घर पर राशन पहुंचाया। प्रेम कुमार की तरह ही आसपास रहने वाले, ऐसी ही समस्या से जूझ रहे दूसरे लोगों को भी मदद मुहैया करायी गयी है।
इस अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में संजय देबनाथ ने एक व्हाट्सऐप समूह की उस पोस्ट पर सवाल उठाये थे, जिसमें दावा किया गया था कि मणिपुर से भागने वाले अनेक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित थे। इसके बाद संजय देबनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां पोस्ट की जा रही थीं। इस मामले में वकीलों के पैनल से मिली सलाह के आधार पर देबनाथ ने इस बातचीत के प्रिंट और अपनी शिकायत के साथ स्थानीय थाने से संपर्क किया था। विभाग के अनुसार, इस तरह की कथित फर्जी खबर पोस्ट करने और आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के आरोपी ने माफी मांगी। सरकार ने कॉमन सर्विसेज सेन्टर्स (सीएससी) के माध्यम से गांवों में कानूनी सलाह देने के उद्देश्य से 20 अप्रैल, 2017 को ‘टेली लॉ’ योजना शुरू की थी। 11 राज्यों में 1800 सीएससी में शुरू हुई इस पायलट परियोजना का अब 115 जिलों में विस्तार हो चुका है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण वक्त में यह योजना नागरिकों के लिए वरदान साबित हुई है। पिछले कुछ महीने में इसने जोर पकड़ा है।
इसका दायरा 1800 सीएससी से 29,860 केंद्रों तक बढ़ गया है।’’ कानूनी सलाह के लिए अब तक दो लाख से ज्यादा लोग इस पर पंजीकरण करा चुके हैं जिनमें से करीब 1.95 लाख लाभार्थियों को विधिक सलाह मिली है। अधिकारी ने कहा,‘‘इन लाभार्थियों में से 65 प्रतिशत समाज के वंचित तबकों से ताल्लुक रखते हैं।’’