सरकार ने निचले हवाईक्षेत्र में ड्रोन उड़ान प्रबंधन की रूपरेखा अधिसूचित की

By भाषा | Updated: October 26, 2021 18:30 IST2021-10-26T18:30:58+5:302021-10-26T18:30:58+5:30

Government notifies drone flight management framework in low-lying airspace | सरकार ने निचले हवाईक्षेत्र में ड्रोन उड़ान प्रबंधन की रूपरेखा अधिसूचित की

सरकार ने निचले हवाईक्षेत्र में ड्रोन उड़ान प्रबंधन की रूपरेखा अधिसूचित की

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर नागर विमानन मंत्रालय ने ड्रोन के लिए यातायात प्रबंधन की रूपरेखा को अधिसूचित किया है जिसके तहत सार्वजनिक और निजी तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाता 1,000 फुट के नीचे हवाई क्षेत्र में उनकी आवाजाही का प्रबंधन करेंगे।

24 अक्टूबर को जारी रूपरेखा में कहा गया है कि मौजूदा हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) प्रणालियां मानवरहित विमान के यातायात के प्रबंधन के लिए तैयार नहीं की गई हैं।

उसने कहा, ‘‘पारंपरिक साधनों का उपयोग करते हुए मानव रहित विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र में एकीकृत करने के लिए भारी और महंगे हार्डवेयर से लैस करने की आवश्यकता हो सकती है, जो न तो संभव है और न ही उचित है।’’

मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए एक अलग, आधुनिक, प्राथमिक रूप से सॉफ्टवेयर आधारित, स्वचालित यूएएस (मानव रहित विमान प्रणाली) यातायात प्रबंधन (यूटीएम) प्रणाली के निर्माण की आवश्यकता है। उसने कहा कि बाद में इस प्रकार की प्रणालियों को पारंपरिक एटीएम प्रणालियों में एकीकृत किया जा सकता है।

हवाई क्षेत्र में मानव युक्त और मानव रहित विमानों को एक दूसरे से लगातार अलग रखने के लिए यूटीएम और एटीएम का एकीकरण महत्वपूर्ण होगा।

यह रूपरेखा तृतीय पक्ष सेवा प्रदाताओं को पंजीकरण, उड़ान संबंधी योजना और मौसम, इलाके एवं मानवयुक्त विमानों की स्थिति जैसे पूरक आंकड़ों तक पहुंच उपलब्ध कराने जैसी सेवाएं देती हैं। इसके अलावा इस रूपरेखा के तहत पूरक सेवा प्रदाताओं के एक समूह को यूटीएम पारिस्थितिकी तंत्र के सहयोग के लिए बीमा और आंकड़ों के विश्लेषण जैसी सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी।

इस रूपरेखा के अनुसार, जब भी आवश्यक होगा, तब ड्रोन संचालकों के अनुमोदन और उन्हें अनुमति प्रदान करने के लिए सरकारी हितधारकों के लिए डिजिटलस्काई मंच इंटरफेस बना रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सभी ड्रोन (हरित क्षेत्र में संचालित नैनो ड्रोन को छोड़कर) को नेटवर्क के माध्यम से प्रत्यक्ष तौर पर या तृतीय पक्ष सेवा प्रदाताओं के जरिए अपनी मौजूदा स्थिति की जानकारी अनिवार्य रूप से केंद्र के साथ साझा करनी होगी।

मंत्रालय ने कहा कि तृतीय पक्ष सेवा प्रदाताओं को पहले छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा जिन्हें धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, इन सेवा प्रदाताओं को ड्रोन संचालकों से सेवा शुल्क लेने की अनुमति होगी और इसका एक छोटा हिस्सा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ साझा करना पड़ सकता है, जो एटीएम का प्रबंधन करता है।

भारतीय ड्रोन परिसंघ के निदेशक स्मित शाह ने एक बयान में कहा कि मानवयुक्त विमानों के लिए एटीसी (हवाई यातायात नियंत्रकों) द्वारा प्रदान की जाने वाली पारंपरिक यातायात प्रबंधन सेवाओं को ड्रोन यातायात के प्रबंधन के लिए विस्तार देना संभव नहीं है, क्योंकि पारंपरिक एटीएम हस्तचालित है और इसके लिए मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि यह नीतिगत रूपरेखा तृतीय पक्ष सेवा प्रदाताओं को देश भर में ड्रोन यातायात के प्रबंधन के लिए स्वचालित और सॉफ्टवेयर आधारित सेवाओं को तैनात करने की अनुमति देगी।

केंद्र सरकार ने ड्रोन और इसके उपकरणों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को 15 सितंबर को मंजूरी दी थी, जिसके तहत अगले तीन वित्त वर्ष में 120 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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Web Title: Government notifies drone flight management framework in low-lying airspace

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