सरकार ने किसानों के साथ फिर विश्वासघात किया: कांग्रेस

By भाषा | Updated: June 10, 2021 18:37 IST2021-06-10T18:37:49+5:302021-06-10T18:37:49+5:30

Government betrayed farmers again: Congress | सरकार ने किसानों के साथ फिर विश्वासघात किया: कांग्रेस

सरकार ने किसानों के साथ फिर विश्वासघात किया: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 10 जून कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 की फसलों के लिए मूल्य निर्धारण में एक बार फिर किसानों के साथ विश्वासघात किया है तथा इस वृद्धि से किसान की लागत भी नहीं निकलेगी।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार लागत मूल्य के अलावा 50 प्रतिशत अतिरिक्त का भुगतान करे तथा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे, अन्यथा देश के किसान इस सरकार को सबक सिखाएंगे।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ, जब खरीफ 2021-22 की फसलों की कीमतों का मूल्य निर्धारण करते हुए उसने देश के किसानों से एक बार फिर विश्वासघात किया।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘देश में औसत महंगाई दर 6.2 प्रतिशत है। किसान के लिए तो यह महंगाई दर 20 प्रतिशत है। इसका अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 13 महीने में अकेले किसान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन यानि की डीज़ल की कीमत 24.18 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी गई।’’

उनके मुताबिक, खाद पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया, कीटनाशक दवाई पर 18 प्रतिशत जीएसटी और ट्रैक्टर तथा खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया और खाद एवं कीटनाशकों की कीमतों में मोदी सरकार के सात सालों में लगभग 100 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है।

सुरजेवाला ने खेती में लागत और मुनाफे का एक चार्ट साझा करते हुए दावा किया, ‘‘मोदी सरकार ने खेती की लागत लगभग 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी है। ऐसे में किसान क्या कमाए और क्या खाए?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी सरकार किसान को खरीफ फसलों का लागत मूल्य भी नहीं दे रही - तो फिर वादे के अनुरूप लागत और साथ में 50 प्रतिशत मुनाफा कब देगी?’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ताजा घोषित खरीफ फसलों की कीमतों को देखें तथा ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ द्वारा बताई गई प्रांतों में फसलों की उत्पाद कीमतों से तुलना करें, तो साफ है कि मोदी सरकार खरीफ फसलों की कीमतों का निर्धारण करते हुए किसान को लागत मूल्य भी नहीं दे रही।’’

गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को फसल वर्ष 2021-22 के लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 72 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसके साथ ही दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की दरों में भी पर्याप्त वृद्धि की गई है।

फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) के लिए वाणिज्यिक फसलों में, कपास के मीडियम स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 211 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,726 रुपये किया गया तथा कपास की लांग स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,025 रुपये कर दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार का कहना है कि इस कदम से किसानों को आने वाले सप्ताहों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानूसन की प्रगति के साथ बुवाई का काम बढ़ाने में मदद मिलेगी और वह तय कर सकेंगे की कौन सी खरीफ फसल की पैदावार अधिक की जाये।

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Web Title: Government betrayed farmers again: Congress

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