नयी दिल्ली, 22 अप्रैल नागर विमानन मंत्रालय ने कोविड-19 के टीके की डिलीवरी ड्रोन से करने की व्यावहारिकता पर अध्ययन करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी।
मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईसीएमआर आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), कानुपर के साथ मिलकर यह अध्ययन करेगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसने ‘मानव रहित विमानन प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021’ के तहत ‘सशर्त मंजूरी’ दी है ताकि वे ड्रोन के माध्यम से कोविड-19 टीके की डिलीवरी की व्यावहारिकता पर अध्ययन कर सकें।
उसमें कहा गया है कि यह छूट एक साल की अवधि या अगले आदेश तक प्रभावी है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने तीन दिन पहले ही घोषणा की है कि टीकाकरण के तीसरे चरण में एक मई से देश भर में 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सभी वयस्कों (18 से ज्यादा आयु वाले) को टीकाकरण के लिए ‘कोविन और आरोग्य सेतु एप’ पर पंजीकरण 28 अप्रैल से शुरू होगा।
देश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 3.14 लाख से ज्यादा मामले आए जो एक दिन में किसी भी देश में आने वाले सर्वाधिक मामले हैं। देश में अभी तक कुल 1,59,30,965 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
नागर विमानन मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने चार शहरों... देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और रुद्रपुर के नगर निगमों को संपत्ति का डेटाबेस और इलेक्ट्रॉनिक कर पंजी तैयार करने के लिए ड्रोन के उपयोग की सशर्त अनुमति दी है।
कोटा और कटनी से ऑपरेट होने वाले पश्चिम मध्य रेलवे को भी ‘ट्रेन दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने और ‘रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा’ करने के लिए ऐसी ही अनुमति दी गई है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।