Google Doodle: बालमणि अम्मा कौन हैं, जिन पर गूगल ने बनाया है आज का खास डूडल, जानिए

By विनीत कुमार | Published: July 19, 2022 07:22 AM2022-07-19T07:22:00+5:302022-07-19T07:22:00+5:30

Google Doodle: आज का गूगल डूडल मलयालम साहित्य की कवयित्री बालमणि अम्मा को समर्पित है। इसे केरल की आर्टिस्ट देविका रामचंद्रन द्वारा तैयार किया गया है।

Google Doodle celebrates Balamani Amma 113 birthday, grandmother of Malayalam literature | Google Doodle: बालमणि अम्मा कौन हैं, जिन पर गूगल ने बनाया है आज का खास डूडल, जानिए

बालमणि अम्मा पर आधारित है आज का गूगल डूडल (फोटो- गूगल)

Highlightsमलयालम साहित्य की प्रख्यात कवयित्री बालमणि अम्मा की आज 113वीं जयंती है।केरल के त्रिशूर जिले में 1909 में हुआ था जन्म, स्त्री और मातृत्व शक्ति पर लिखी कविताओं ने दिलाई पहचान।अम्मा का निधन 2004 में हुआ था और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

नई दिल्ली: आज का गूगल डूडल (Google Doodle) मलयालम साहित्य की प्रख्यात कवयित्री बालमणि अम्मा पर आधारित है। उन्हें मलयालम साहित्य की 'दादी' अम्मा (Grandmother of Malayalam Literature) भी कहा जाता है। गूगल ने आज उनके 113वें जन्मदिन के मौके पर खास डूडल उन्हें समर्पित किया है। अम्मा पर आधारित आज का गूगल डूडल केरल की आर्टिस्ट देविका रामचंद्रन द्वारा तैयार किया गया है।

केरल के त्रिशूर जिले में 1909 में जन्मी बालमणि अम्मा अपने साहित्यिक कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से नवाजी गई थीं। इनमें सरस्वती सम्मान और भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण शामिल हैं। बालमणि अम्मा कमला दास की मां भी हैं, जिन्हें 1984 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।

अम्मा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की। उन्हें अपने चाचा नलप्पट नारायण मेनन से घर पर ही पढ़ने-लिखने का मौका मिला। नलप्पट नारायण खुद एक लोकप्रिय मलयाली कवि थे। अम्मा इनकी ही किताबों और कृतियों के संग्रह का अध्ययन करते हुए बड़ी हुईं। 19 साल की उम्र में इनका विवाह वी.एम. नायर से हो गया जो मलयालम अखबार 'मातृभूमि' के प्रबंध निदेशक और प्रबंध संपादक थे।

इनकी पहली कविता कोप्पुकाई, 1930 में प्रकाशित हुई थी। उन्हें कोचीन साम्राज्य के पूर्व शासक परीक्षित थंपुरन से एक प्रतिभाशाली कवि के तौर पर पहचान मिली। थंपुरन ने उन्हें 'साहित्य निपुण पुरस्कारम' से सम्मानित किया।

अम्मा की शुरुआती कविताओं में पौराणिक पात्रों और कहानियों को अपनाकर मातृत्व और महिलाओं को शक्तिशाली शख्सियत के रूप में प्रस्तुत किया गया है। ये उनकी कविताओं का ही प्रभाव था कि उन्हें बाद में 'मातृत्व की कवयित्री' के रूप में जाना जाने लगा। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में अम्मा (1934), मुथस्सी (1962) और मजुविंते कथा (1966) शामिल हैं।

बालमणि अम्मा के नाम पर कविता, गद्य और अनुवाद के 20 से अधिक संकलन प्रकाशित हैं। गूगल डूडल के अनुसार बच्चों और पोते-पोतियों के प्रति उनके प्रेम का वर्णन करने वाली उनकी कविताओं ने उन्हें मलयालम कविता की अम्मा (मां) और मुथस्सी (दादी) की उपाधि दी। अम्मा का निधन 2004 में हुआ और फिर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

Web Title: Google Doodle celebrates Balamani Amma 113 birthday, grandmother of Malayalam literature

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