पणजी, 20 अप्रैल गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेश पाटनेकर ने कांग्रेस के 10 पूर्व विधायकों समेत 12 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराये जाने की मांग को लेकर दायर की गयी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दी जो प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए एक बड़ी राहत है। ये विधायक 2019 में भाजपा में शामिल हो गये थे।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 27 विधायक हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने उन दस विधायकों के विरूद्ध ये याचिकाएं दायर की थीं जिन्होंने 2019 में पाला बदल लिया था। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के नेता सुदिन धवलीकर ने भी ऐसी ही अर्जी दी थी।
अलग अलग मौखिक आदेशों में विधानसभा अध्यक्ष ने बिना कारण बताये दोनों ही याचिकाएं खारिज कर दीं।
चोडनकर के वकील अभिजीत गोस्वामी ने कहा कि कांग्रेस दस दल-बदलू विधायकों को अयोग्य ठहराने की दिशा में ‘पहली बाधा’ पार कर गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम विधानसभा अध्यक्ष से आदेश का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम अनुकूल फैसले के लिए अदालत जा सकें।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को विधानसभा अध्यक्ष के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
वर्ष 2019 में दस विधायकों के निकल जाने के बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायक घटकर पांच रह गये थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने मनोहर अजगांवकर और दीपक पाउस्कर को अयोग्य घोषित करने के लिए एमजीपी द्वारा दी गई अर्जी भी खारिज कर दी।
एमजीपी के वकील कार्लोस फरेरिया ने कहा कि विस्तृत आदेश का अध्ययन करने एवं कारण जानने के बाद ही पार्टी तय करेगी कि आगे क्या करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ विधानसभा अध्यक्ष ने तो अभी बस इतना कहा है कि याचिका खारिज की जाती है।’’
एमजीपी के एक मात्र विधायक सुदिन धवलीकर ने कहा, ‘‘हम आशा कर रहे थे कि विधानसभा अध्यक्ष दोनों विधायकों को अयोग्य घोषित कर देंगे।’’
अजगांवकर और पाउस्कर के भाजपा में शामिल होने के बाद गोवा विधानसभा में एमजीपी के विधायकों की संख्या तीन से घटकर एक रह गयी है।
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