पणजी: साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जीतकर आने वाले सदस्यों में से अब तक आधे से अधिक अपना पाला बदलकर दूसरी पार्टियों में जा चुके हैं जिसका सबसे अधिक लाभ सत्ताधारी भाजपा को हुआ है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में अब तक कुल 21 विधानसभा सदस्य अपनी पार्टी बदल चुके हैं जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों के अलावा पाला बदलने वालों में निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
बीते शुक्रवार को इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामने वाले निर्दलीय विधायक रोहन खूंटे पाला बदलने वाले 21वें विधायक हैं।
सत्ताधारी भाजपा को हुआ सबसे अधिक फायदा
इसका सबसे अधिक फायदा भाजपा को हुआ है जिसके 2017 में साल 1999 (10 विधायक) के बाद गोवा विधानसभा में सबसे कम 13 विधायक चुके गए थे।
हालांकि, कांग्रेस के 10 और एमजीपी के दो विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने के बाद अब उसके 27 विधायक हो गए हैं।
हाल के महीनों में तीन विधायकों ने भाजपा का दामन थामा जिसमें से एक-एक कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी और एक निर्दलीय है।
इस दौरान भाजपा की एकमात्र विधायक कोर्टालिम विधायक अलीना सलदान्हा ने भाजपा का साथ छोड़ा और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं।
कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान हुआ
विधायकों के पाला बदलने में सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हुआ है. साल 2017 के चुनाव में 17 विधायकों वाली पार्टी के पास कर्टोरिम से कांग्रेस विधायक एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको के आज इस्तीफा देने के साथ केवल दो विधायक बचे हैं।
12 सालों में 13 मुख्यमंत्री देख चुका है प्रदेश
बता दें कि, गोवा में राजनीतिक उथल पुथल कोई नई बात नहीं है क्योंकि साल 1990 से 2002 के बीच 12 सालों में प्रदेश को 13 मुख्यमंत्री मिले थे जिसमें सबसे कम समय 18 दिन तक तक चर्चिल अलेमाओ मुख्यमंत्री रहे थे। इस दौरान विधायक लगातार पाला बदल रहे थे और अलग-अलग तरह के राजनीतिक गठबंधन बन रहे थे।
कांग्रेस नेता दिगंबर कामत एकमात्र एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने साल 2007-2012 तक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है।