CAA हटाने की मांग पर आर्चबिशप से मिलेंगे गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, ‘विभाजनकारी एवं भेदभाव पैदा करने वाला’ बताया था
By भाषा | Published: February 12, 2020 02:49 PM2020-02-12T14:49:16+5:302020-02-12T14:49:16+5:30
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ‘‘मैं उनसे मिलने जा रहा हूं, बस यही बात है।’’ आर्चबिशप ने हाल में केंद्र सरकार से ‘‘विभाजनकारी एवं भेदभावपरक’’ नागरिकता संशोधन कानून को ‘‘तत्काल एवं बिना शर्त’’ हटाने तथा ‘‘विरोध जताने’’ के अधिकार पर रोक खत्म करने का अनुरोध किया था।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को ‘‘विभाजनकारी एवं भेदभाव पैदा करने वाला’’ बताते हुए गोवा एवं दमन के आर्चबिशप रेव फिलिप नेरी फेराओ द्वारा केंद्र से इसे हटाने की मांग किए जाने के कुछ दिन बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को कहा कि वह आगामी कुछ दिनों में उनसे मुलाकात करेंगे।
यह पूछे जाने पर क्या यह बैठक नये नागरिकता कानून के मुद्दे को लेकर होगी, इस पर सावंत ने कहा, ‘‘मैं उनसे मिलने जा रहा हूं, बस यही बात है।’’ आर्चबिशप ने हाल में केंद्र सरकार से ‘‘विभाजनकारी एवं भेदभावपरक’’ नागरिकता संशोधन कानून को ‘‘तत्काल एवं बिना शर्त’’ हटाने तथा ‘‘विरोध जताने’’ के अधिकार पर रोक खत्म करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने सरकार से देश भर में प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू नहीं करने की अपील की थी। भाजपा के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व सांसद नरेंद्र सवाईकर ने सीएए के विरोध में फरोओ के बयान को सोमवार को ‘‘विभाजनकारी’’ बताया था।
सवाईकर ने आर्चबिशप से पूछा कि वे संविधान के अनुच्छेद 30 पर आपत्ति क्यों नहीं जताते जो अल्पसंख्यकों को शिक्षण संस्थान स्थापित करने का अधिकार देता है।