GOAIR विमानन कंपनी ने मोदी सरकार के समक्ष की विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को ‘घर’ पहुंचाने की पेशकश
By भाषा | Published: March 28, 2020 08:45 PM2020-03-28T20:45:36+5:302020-03-28T20:45:36+5:30
कारखाने आदि बंद होने की वजह से विभिन्न राज्यों में हजारों श्रमिक फंसे हुए हैं और उनके पास आमदनी का भी कोई जरिया नहीं है। ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने परिवारों के साथ पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं।
मुंबई: सस्ती विमानन सेवायें देने वाली कंपनी गोएयर ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर के नजदीक पड़ने वाले हवाईअड्डों तक पहुंचाने की पेशकश की है। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी ने शनिवार को कहा कि उसने इस मुद्दे पर सरकार से संपर्क किया है।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से ट्रेनें और विमान सेवाएं 14 अप्रैल तक बंद हैं। सभी कारखाने आदि बंद होने की वजह से विभिन्न राज्यों में हजारों श्रमिक फंसे हुए हैं और उनके पास आमदनी का भी कोई जरिया नहीं है। ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने परिवारों के साथ पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। हवाई सेवाएं बंद होने की वजह से सभी घरेलू एयरलाइंस के विमान खड़े हैं।
एयरलाइन ने कहा कि कोविड-19 की वजह लागू की गई पाबंदी से लाखों प्रवासी श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एयरलाइन ने कहा कि बड़ी संख्या में श्रमिक अपने बच्चों और परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर अपने घर की ओर पैदल ही जा रहे हैं। उनकी यह हालत देखने के बाद गोएयर ने नरेंद्र मोदी सरकार के नागर विमानन मंत्रालय से संपर्क किया है और उन्हें उनके घर के पास पड़ने वाले हवाई अड्डे तक छोड़ने की पेशकश की है।
इससे पहले गोएयर ने बृहस्पतिवार को अपने खड़े विमानों के बेड़े और कॉकपिट तथा केबिन क्रू सदस्यों के जरिये आपात सेवाओं के संचालन की पेशकश की थी। गोएयर सात अंतरराष्ट्रीय तथा 27 घरेलू सहित कुल 35 गंतव्यों के लिए परिचालन करती है।