कश्मीर के मौसम पर पड़ रहा है ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज का असर, बना चिंता का विषय

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 6, 2023 03:47 PM2023-02-06T15:47:04+5:302023-02-06T15:49:37+5:30

'चिल्ले कलां' एक टाइम पीरियड को कहा जाता है जिसमें काफी ठंड पड़ती है। यह करीब 40 दिन का समय होता है। 'चिल्ले कलां' के दौरान कश्मीर में हर तरह बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है। इस साल 'चिल्ले कलां' के दौरान भी तापमान सामान्य से ऊपर रहा।

Global warming and climate change are affecting Kashmir's weather | कश्मीर के मौसम पर पड़ रहा है ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज का असर, बना चिंता का विषय

कश्मीर के मौसम पर हो रहा है ग्लोबल वार्मिंग का असर

Highlightsकश्मीर के मौसम पर हो रहा है ग्लोबल वार्मिंग का असरइस बार 'चिल्ले कलां' के दौरान भी तापमान सामान्य से ऊपर रहाआने वाले समय में यह समस्या और गंभीर हो सकती है

जम्मू: इस बार कश्मीर में सर्दी के भयानक 40 दिनों 'चिल्ले कलां' के दौरान भी तापमान सामान्य से ऊपर रहने और उम्मीद से कम बर्फ गिरने की चिंता में डूबे कश्मीरियों को पर्यावरण विशेषज्ञों की वह चेतावनी डराने लगी है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा था कि आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर होगी और कश्मीर हिमस्खलन की ज्यादा घटनाओं से जूझने को मजबूर होगा।

कश्मीर के सीनियर अर्थ साइंटिस्ट प्रो शकील अहमद रोमशू कहते थे कि पिछले दो दशकों के बीच कश्मीर में सामान्य तापमान बढ़ा है जिस कारण अब'चिल्ले कलां' के दौरान कम बर्फ गिर रही है। उनका कहना था कि गुरेज सेक्टर में लगातार तीन हिमस्खलन और गुलमर्ग में दो हिमस्खलन इसके सबूत हैं कि कम बर्फ गिरने के कारण और भयानक सर्दी के बावजूद तापमान सामान्य से अधिक होने से हिमस्खलन बढ़े हैं।

याद रहे गुलमर्ग में हिमस्खलन की घटना पोलैंड के दो स्कीयर की जान ले चुकी है। मौसम विभाग के डायरेक्टर सोनम लोटस और एक अन्य विशेषज्ञ डा इरफान रशीद भी कश्मीर में आने वाले दिनों में हिमस्खलन की घटनाओं में बढ़ौतरी होने की चेतावनी देते थे। उनका कहना था कि मौसम में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण कश्मीर में अब तापमान बढ़ रहा है जो ग्लोबल वार्मिंग का ही परिणाम है।

याद रखने योग्य तथ्य यह है कि कुछ साल पहले एक अन्य विशेषज्ञ ने यह चेतावनी जारी की थी कि मौसम की गड़बड़ियों के कारण आने वालो दिनों में हो सकता है कई इलाकों को अपने हिस्से की बर्फ से वंचित रहना पड़ सकता है। यह सच भी साबित हो रहा है। गुलमर्ग में इस बार उतनी बर्फ नहीं गिरी है जितने पहले गिरा करती थी।

बता दें कि 'चिल्ले कलां' एक टाइम पीरियड को कहा जाता है जिसमें काफी ठंड पड़ती है। यह करीब 40 दिन का समय होता है। 'चिल्ले कलां' के दौरान कश्मीर में हर तरह बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है। इसकी शुरुआत  21 दिसंबर से होती है और यह  31 जनवरी तक चलता है।

Web Title: Global warming and climate change are affecting Kashmir's weather

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