लेटर बम पर बोले गुलाम नबी आजाद, 'यह कोई स्टेट सीक्रेट नहीं, ऐसा इंदिरा गांधी के वक्त भी हुआ था'
By पल्लवी कुमारी | Published: August 27, 2020 09:18 PM2020-08-27T21:18:12+5:302020-08-27T21:18:12+5:30
कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और गुलाम नबी आजाद सहित कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में व्यापक बदलाव, सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग की थी। इस पत्र को लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
नई दिल्ली: कांग्रेस के अंदर 23 नेताओं द्वारा लिखे पत्र को लेकर बवाल जारी है। सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वालों में प्रमुख रूप से शामिल गुलाम नबी आजाद ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि 'उन्हें (राहुल गांधी) शुरू में पत्र (पार्टी में सुधार के लिए उनके और पार्टी के अन्य नेताओं द्वारा लिखे गए) के साथ कुछ दिक्कतें थीं। इसके बाद में सोनिया और राहुल ने कहा कि एक महीने के भीतर चुनाव होने थे लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं है। इसलिए हमने सोनिया से 6 महीनों के लिए अध्यक्ष बनने का अनुरोध किया।'
गुलाम नबी आजाद ने पत्र लीक होने के मामले में कहा कि अगर पत्र लीक हो गया तो क्या हो गया? पार्टी को मजबूत बनाने और चुनाव कराने के लिए कहना, कोई स्टेट सीक्रेट नहीं है। गुलाम नबी आजाद ने कि इंदिरा गांधी जी के समय में भी कैबिनेट की कार्यवाही लीक हो जाती थी।
What is the big deal if the letter was leaked? It's not a state secret to ask for the party to be strengthened & hold elections. Even during the time of Indira Gandhi Ji, the Cabinet proceedings used to get leaked: Ghulam Nabi Azad, Congress
— ANI (@ANI) August 27, 2020
अनुशासनहीनता के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो लोग कांग्रेस वर्किंग कमेटी के दौरान कमेंट्री कर रहे थे, क्या वे अनुशासनहीनता नहीं कर रहे थे? जो लोग हमे पत्र लिखने के लिए गाली दे रहे थे, क्या वह अनुशासनहीन नहीं थे? क्या कांग्रेस में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमने किसी को गाली नहीं दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जिस किसी की भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में वास्तविक रुचि है, वह हमारे प्रस्ताव को हर राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का स्वागत करेगा। पूरी कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव होना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को सुनने के लिए पूर्णकालिक पार्टी प्रमुख की नियुक्ति नहीं हो जाती, वह छह महीने तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं।
गुलाम नबी आजाद का कहना है, उन्हें इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने। मेरी राय यह है कि अगर इसके बजाय पार्टी को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल जाए तो ज्यादा अच्छा होगा। पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष कोई भी बन सकता है।