गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी के संसद से अयोग्य ठहराये जाने पर कहा, 'ये गलत है, ऐसे तो पूरी संसद खाली हो जाएगी"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 27, 2023 08:29 AM2023-03-27T08:29:14+5:302023-03-27T08:36:59+5:30
कांग्रेस छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद ने रविवार को संसद से अयोग्य घोषित किये गये वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी के पक्ष में बोलते हुए कहा कि यह बेहद गलत परंपरा है और इसे किसी भी कीमत पर लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं माना जा सकता है।

फाइल फोटो
जम्मू: कांग्रेस से गंभीर मतभेद और राहुल गांधी को अनुभवहीन लोगों से घिरा बताकर पार्टी छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराये जाने का विरोध करते हुए इसे स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए बेहद घातक बताया है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाकर जम्मू-कश्मीर में परचम लहराने की जुगत में लगे हुए गुलाम नबी आजाद ने रविवार को गुजरात की सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद संसद से अयोग्य घोषित किये गये वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी के पक्ष में बोलते हुए कहा कि यह बेहद गलत परंपरा है और इसे किसी भी कीमत पर लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं माना जा सकता है।
कांग्रेस के पूर्व नेता और लंबे संसदीय जीवन का अनुभव रखने वाले गुलाम नबी आजाद ने कठुआ जिले में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "राहुल गांधी की संसद से अयोग्या का मैं विरोध करता हूं। चाहे राहुल गांधी हों या फिर लालू प्रसाद यादव हो या फिर किसी अन्य दल को कोई भी सांसद या विधायक हो। इस तरह की कार्रवाई गलत है। यह गैर-लोकतांत्रिक कदम है और इसका विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि सवाल राहुल गांधी का नहीं है। यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है कि एक तरफ जज फैसला सुनाता और दूसरी तरफ सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। इतनी जल्दी अच्छी बात नहीं है।”
राहुल गांधी को घेरते हुए कांग्रेस से 50 साल का लंबा संबंध तोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद ने कहा, "पहले नियम था कि अंतिम अदालत तक सजा नहीं सुनाए जाने तक जन प्रतिनिधि को अयोग्य नहीं ठहराया जाता था। लेकिन अब 2 साल या उससे अधिक की सजा मिलते ही जनप्रतिनिधि को संसद से बाहर कर दिया जाता है, यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।"
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी से पहले लालू प्रसाद यादव भी इसी तरह से अयोग्य करार दिया गया था। अगर ऐसे ही चलता रहा तो पूरी संसद और विधानसभाएं खाली हो जाएंगी। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए।"
इसके साथ ही आजाद ने विपक्षी नेताओं पर हालिया हमले पर बेबाकी से राय रखते हुए कहा, "लोकतंत्र में सभी समान हैं, इसलिए अलग-अलग राजनीतिक दल के नेताओं के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं हो सकते हैं। सभी समान हैं और सभी को समान अवसर मिलने चाहिए।"
मालूम हो कि अगस्त 2022 में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से आहत होकर पार्टी से किनारा कर लिया था। लगभग 5 दशकों तक कांग्रेस के साथ राजनीति करने वाले दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पांच पेज का इस्तीफा भेजा था। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को घेरते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे और उन पर जमकर निशाना साधा था।
गुलाम नबी आजाद की खिन्नता इस बात से जाहिर हुई थी कि उन्होंने अपने पत्र में राहुल गांधी को बचकानी हरकत करने वाला से लेकर अपरिपक्व नेता तक कह डाला था। इसके साथ ही आजाद ने सोनिया गांधी को यह भी लिखा था कि कांग्रेस को अब राहुल गांधी की अगुवाई वाली एक विशेष मंडली चला रही है और वो अनुभवहीन लोगों से घिरे हुए हैं।