पटनाः बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए। उनकी रिहाई का एक तरफ विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ उनके समर्थकों में खुशी है। बाहुबली नेता को आज सुबह साढ़े 4 बजे जेल से रिहा किया गया।
इनकी रिहाई के बाद अब यह सवाल उठना शुरू हो गया कि जब नियमों के अनुसार किसी भी कैदी को सुबह सूर्योदय के उपरांत रिहा किया जाता है तो फिर आनंद मोहन को कैसे रिहा कर दिया गया? वहीं, दूसरी तरफ आनंद मोहन के जेल से रिहा होने के साथ ही पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिया गया है।
यह जनहित याचिका जेल नियमों में बदलाव के खिलाफ दायर किया गया है। इस जनहित याचिका में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली 2012 के नियम और 481(i) (क) में संशोधन का ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या वाक्य को हटा दिया गया।
इस लोकहित याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर किया है। याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है।
उधर, आनंद मोहन की रिहाई के मौके पर उनकी पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 साल मुश्किल से काटा है। उनकी रिहाई हमारे लिए और समर्थकों के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आईएएस जी. कृष्णैया जी की हत्या होने के बाद दो परिवारों ने सबसे ज्यादा दुख झेला। आनंद मोहन निर्दोष होते हुए जेल चले गए।
उधर, उमा कृष्णैया का सुहाग उजड़ गया। जी. कृष्णैया जी ईमानदार अफसर थे। इसका हमें भी बहुत दुख है। हमारे सामने ये घटना होती तो आनंद मोहन और हम जरूर जान पर खेलकर जी कृष्णैया की रक्षा करने की कोशिश करते हैं। लवली आनंद ने कहा कि हमलोग स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं। हमने हमेशा कानून का पालन किया है।
इसलिए कोर्ट के फैसले के बाद आनंद मोहन जेल चले गए। उन्होंने कहा कि 15 साल का वक्त कम नहीं होता है। हमारे बच्चों और समर्थकों ने जगकर एक-एक दिन किया है। हमने होली दिवाली कुछ भी मना नहीं। जैसे भगवान राम 14 साल बाद वनवास से घर लौटेंगे, तब खुशहाली मनेगी। अब उनकी रिहाई हमारे लिए खुशी की बात है।
इधर, जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि आनंद मोहन को जेल से रिहा करने का फैसला गलत है। जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। वहीं, दिवगंत आईएएस की बेटी पद्मा ने कहा कि नीतीश सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने गलत मिसाल कायम की है। आनंद मोहन को रिहा करने से हमें बहुत दुख हुआ है