कुतुब मीनार में गणेश मूर्तियां: कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश, कहा- एएसआई की मूर्तियों को हटाने की कोई योजना नहीं
By विशाल कुमार | Published: April 18, 2022 02:51 PM2022-04-18T14:51:34+5:302022-04-18T14:54:06+5:30
कुतुब मीनार परिसर में दो गणेश मूर्तियों के रखे जाने के स्थान को अपमानजनकर बताते हुए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उन्हें वहां से निकालकर राष्ट्रीय संग्रहालय में ले जाने के लिए कहा है।
नई दिल्ली: कुतुब मीनार परिसर से दो गणेश मूर्तियों को हटाने से रोकने के लिए दायर एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है।
बता दें कि, कुतुब मीनार परिसर में दो गणेश मूर्तियों के रखे जाने के स्थान को अपमानजनकर बताते हुए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उन्हें वहां से निकालकर राष्ट्रीय संग्रहालय में ले जाने के लिए कहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह मुकदमा प्रधान देवता भगवान ऋषभ देव द्वारा दायर किया गया था, जिसमें अदालत से एएसआई को गणेश की मूर्ति को हटाने से रोकने और मूर्ति को उचित सम्मान के साथ मुकदमे में शामिल संपत्ति के भीतर एक सम्मानजनक स्थान पर रखने के लिए कहा गया था।
साकेत अदालत में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा ने कहा कि उनकी राय है कि अपीलकर्ता की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख तक यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है, जब आवेदन को बनाए रखने पर दलीलें भी सुनी जाएंगी।
अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कोर्ट एएसआई से प्रभावित है कि उनका इस स्तर या निकट भविष्य में मूर्तियों को हटाने का कोई विचार नहीं है।
सनातन हिंदू देवी देवताओं की ओर से वकील हरिशंकर जैन ने संकेत कोर्ट में कहा कि क़ुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में भगवान गणेश की दो मूर्तिया नीचे पड़ी हुई है, जिसकी वजह से करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
दो मूर्तियों को 'उल्टा गणेश' और 'पिंजरे में गणेश' कहा जाता है और 12वीं शताब्दी के स्मारक के परिसर में स्थित हैं, जिसे 1993 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था।