Gandhi Jayanti 2023: जानें, क्या है इस बार की थीम जिसे लेकर देशभर में होगा इतने मिनट आयोजन

By आकाश चौरसिया | Published: September 30, 2023 12:21 PM2023-09-30T12:21:35+5:302023-09-30T12:41:11+5:30

इस साल की 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का 154 वां जन्मदिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस बार का विषय काफी अनूठा है जो लोगों को एकत्रित करने करेगा।

Gandhi Jayanti 2023 Know what is the theme this time on which so many events will be organized across the country | Gandhi Jayanti 2023: जानें, क्या है इस बार की थीम जिसे लेकर देशभर में होगा इतने मिनट आयोजन

फाइल फोटो

Highlights2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का 154 वां जन्मदिवस पूरे देश में मनाया जाएगामहात्मा गांधी को प्यार से बापू बुलाया जाता थाइस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजन रखा है

नई दिल्ली: आने वाली 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का 154 वां जन्मदिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस बार के जन्मदिन का विषय ' एक तारीख एक घंटा एक साथ' है जिसका उद्देश्य है कि सभी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा सके।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। साथ ही उन्हें राष्ट्र पिता के नाम से संबोधित किया जाता है और एक दूसरे नाम से उन्हें बच्चे प्यार से बापू भी बुलाते हैं। महात्मा गांधी का इस बार 154वां जन्मदिन है।

इस मौके को खास बनाने के लिए 2023 में बापू के जन्मदिन पर एक घंटे का आयोजन होगा जो 10 बजे सुबह से शुरू होना है। मोदी सरकार इस अवसर पर स्वच्छता को लेकर अभियान चलाएगी। 

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को  गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका जीवन काफी साधारण परिवार में बीता है जहां उन्होंने सच्चाई के रास्ते चलना सीखा। 

महात्मा गांधी ने दो महत्वपूर्ण आंदोलनों पर अहम रोल निभाया है जिसमें 'सत्याग्रह' जो सच के रास्ते पर अडिग रहना बताता है और दूसरा 'अहिंसा' जो सभी को न लड़ाई करने के बारे में बताता है। यह उनके ऐसे औजार हैं जो अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने में काम आए और देश को आजादी दिलाने में भी सफल हुए। 

भारत की जड़ों में बस चुके साम्राजवादी शासन के विरोध में किए गए आंदोलनों में लोगों के बीच शांति से रहकर किसी भी मुश्किल को पार कर पाने की सलाह भी भारतीयों को बापू सिखा गए।  

महात्मा गांधी के अहिंसक दृष्टिकोण, लोगों के बीच उनको लेकर प्यार और सहिष्णुता से जीतने की उनकी क्षमता का भारत के नागरिक अधिकार आंदोलनों पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

महात्मा गांधी के कामों और उनकी जीवनशैली ने भारत के इतिहास पर न मिटने वाली छाप छोड़ी है। अहिंसा और समाजाकि न्याय के मूल सिद्धांतों के प्रति उनके समर्पण को देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों को प्रेरित किया। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की बर्थ-डे का अवसर लोगों को उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का मौका देता है जिन्होंने देश की भलाई के लिए बलिदान दे दिया। 

बापू का पसंदीदा गाना- 'रघुपति राघव राजा राम'  
2 अक्टूबर पर लोग गांधी आश्रम समेत कई जगहों पर बापू के लिए प्रार्थना भी करते हैं। वहीं, दिल्ली के राजघाट पर नेता, प्रधानमंत्री और कई लोग प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं। इस दौरान बापू के पसंदीदा गाने 'रघुपति राघव राजा राम' को भी सुना जाता है। इस गाने का भाव उन्हें देश को बताने का था कि देशवासी एकता के सूत्र में बंधे रहे और एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव रखें। 

गांधी के जन्मदिन पर देशभर में राष्ट्रीय अवकास भी रहता है। जन्मदिन पर स्कूलों और कॉलेज में कई प्रोग्राम रखे जाते हैं जहां छात्र उनकी विरासत को बनाए रखने के लिए कई तरह एक्ट, शॉर्ट फिल्म और तरह-तरह की प्रतियोगिताओं में अपनी भागीदारी निभाते हैं। वहीं, युवाओं को जिम्मेदारी और नेतृत्व के गुण को प्रेरित करने के लिए प्रतियोगिताओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले को अवार्ड भी दिया जाता है। 

महात्मा गांधी की मृत्यु राजघाट पर ही 30 जनवरी 1948 को हुई थी। बाद में यहीं पर उनकी समाधि 31 जनवरी 1948 को बना दी गई। 

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