क्या वाकई भारत से पहले पाकिस्तानी पायलटों ने उड़ाया राफेल? फ्रांस की सरकार ने बताई हकीकत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 11, 2019 03:36 PM2019-04-11T15:36:54+5:302019-04-11T16:11:12+5:30
फ्रांसीसी सरकार की तरफ से यह सफाई एविएशन सेक्टर पर फोकस रखने वाली एक अमेरिकी विमानन उद्योग की वेबसाइट ainonline.com की उस रिपोर्ट के बाद आई जिसमें दावा किया गया था कि नवंबर 2017 में कतर के लिए राफेल लड़ाकू जेट पर प्रशिक्षित पायलटों का पहला बैच पाकिस्तानी विनिमय अधिकारियों का था।
भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें पाकिस्तानी पायलटों को राफेल विमान उड़ाने की ट्रेनिंग देने की बात कही जा रही है। अलेक्जेंडर ने ट्विटर पर लिखा, ''मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि यह फर्जी खबर है।'' फ्रांसीसी सरकार की तरफ से यह सफाई एविएशन सेक्टर पर फोकस रखने वाली एक अमेरिकी विमानन उद्योग की वेबसाइट ainonline.com की उस रिपोर्ट के बाद आई जिसमें दावा किया गया था कि नवंबर 2017 में कतर के लिए राफेल लड़ाकू जेट पर प्रशिक्षित पायलटों का पहला बैच पाकिस्तानी विनिमय अधिकारियों का था।
फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने कहा कि फ्रांस में राफेल जेट पर कभी कोई पाकिस्तानी पायलट प्रशिक्षित नहीं हुआ। अमेरिकी वेबसाइट की रिपोर्ट के बाद भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान इसे लेकर चिंतित थे। यह रिपोर्ट मोदी सरकार द्वारा राफेल जेट की खरीद को लेकर एक राजनीतिक उबाल के बीच आई थी। भारत 58,000 करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल फाइटर विमान खरीद कर रहा है। कांग्रेस इस सौदे में भारी अनियमितता का आरोप लगा रही है जबकि सरकार ने आरोपों को खारिज किया है।
French Ambassador to India Alexandre Ziegler rejects media report that Pakistani Air Force pilots were trained on Rafale jets , says 'I can confirm that it is fake news' pic.twitter.com/x76gUrP6My
— ANI (@ANI) April 11, 2019
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कतर ने इसी वर्ष 6 फरवरी को दासॉ की मेरिग्नैक सुविधा में अपने पहले राफेल की डिलीवरी ली थी। एक प्रेस बयान में, दासॉ ने कहा था कि कतर ने मई 2015 में 24 राफेल विमानों के लिए हस्ताक्षर किए थे। दिसंबर 2017 में उसने 12 अतिरिक्त लड़ाकू विमानों का आदेश दिया था। पहले 24 राफेल विमानों के लिए 6.3 बिलियन यूरो में सौदा हुआ था।
समाचार चैनल के मुताबिक पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों को कई मध्य पूर्वी देशों के सशस्त्र बलों के साथ दशकों से काम करने के लिए तैनात किया जाता रहा है। पाकिस्तान ने साथी देशों से सैन्य हार्डवेयर भी प्राप्त किए हैं, जिसमें जॉर्डन भी शामिल है, जिसने 13 अतिरिक्त एफ-16 ए / बी लड़ाकू विमान पाकिस्तान को बेचे थे। अटकलें हैं कि उन्हीं में से कुछ विमानों का इस्तेमाल पाकिस्तानी वायुसेना ने बीती 27 फरवरी को नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया था।
पाक पायलट्स को राफेल ट्रेनिंग दिए जाने की अटकलों को इसलिए भी जोर मिला क्योंकि जनवरी 2018 में, एक पाकिस्तानी समाचार पोर्टल www.thenews.com.pk ने इस्लामाबाद में कतर की वायु सेना के कमांडर की पाक वायु सेना के मुख्यालय की यात्रा की सूचना दी थी। पाकिस्तान के वायु सेना प्रमुख ने कथित तौर पर अपने समकक्ष को विमानन और सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में समर्थन और सहयोग की पेशकश की थी।