मुफ्त की चीजों ने लोगों को ‘आलसी’ बना दिया है, मुफ्त चावल सिर्फ बीपीएल परिवारों को मिले : अदालत

By भाषा | Updated: November 24, 2018 07:51 IST2018-11-24T07:51:08+5:302018-11-24T07:51:08+5:30

मुफ्त की चीजों ने लोगों को ‘आलसी’ बना दिया है, मुफ्त चावल सिर्फ बीपीएल परिवारों को मिले : अदालत

Free things have made people 'lazy', free rice only meets BPL families: court | मुफ्त की चीजों ने लोगों को ‘आलसी’ बना दिया है, मुफ्त चावल सिर्फ बीपीएल परिवारों को मिले : अदालत

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीक के तौर पर किया गया है। (एएफपी फोटो)

चेन्नई, 23 नवंबर (भाषा): मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि जन वितरण सेवाओं के जरिए राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में चावल देने की सुविधा को सिर्फ बीपीएल परिवारों तक सीमित रखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि सभी तबके के लोगों को मुफ्त की रेवड़ियां बांटे जाने से लोग ‘आलसी’ हो गए हैं। 

अदालत ने कहा कि सरकार के लिए जरूरतमंदों और गरीबों को चावल और अन्य किराने का सामना देना जरूरी है, लेकिन उत्तरोत्तर सरकारों ने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का लाभ सभी तबकों को दिया।

न्यायमूर्ति एन. किरूबाकरण और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, लोगों ने सरकार से सबकुछ मुफ्त में पाने की उम्मीद करनी शुरू कर दी। नतीजतन वे आलसी हो गए हैं और छोटे-छोटे काम के लिए भी प्रवासी मजदूरों की मदद ली जाने लगी।’’ 

पीठ गुरुवार को पीडीएस के चावल की तस्करी कर उसे बेचने के आरोप में गुंडा कानून के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति द्वारा इसे चुनौती दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान सरकार ने पीठ को बताया गया था कि आर्थिक हैसियत का खयाल किए बगैर सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में चावल दिया जाता है।

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