चार साल मोदी सरकार: विपक्ष ने 'दलित विरोधी' 'सूट-बूट वाली सरकार' को दी ये पांच उपाधि
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 27, 2018 05:46 PM2018-05-27T17:46:12+5:302018-05-28T00:32:44+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते शनिवार यानी 26 मई को अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार को विपक्ष ने कई बार घेरा। इस दौरान मोदी की विदेश यात्राओं को उनके भाषणों और उनके काम करने के तौर तरीकों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्हें कई नए नामों से संबोधित किया।
नई दिल्ली, 27 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते शनिवार यानी 26 मई को अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार को विपक्ष ने कई बार घेरा। इस दौरान मोदी की विदेश यात्राओं को उनके भाषणों और उनके काम करने के तौर तरीकों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्हें कई नए नामों से संबोधित किया। चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हमारी विशेष कवरेज के दौरान हम आपको आज बता रहे हैं मोदी सरकार को विपक्ष द्वारा मिले कुछ ऐसे ही नामों के बारे में। इनमें शामिल है सूट-बूट की सरकार, जुमलों की सरकार, उद्योगपतियों की सरकार, दलित विरोधी सरकार, मुस्लिम विरोधी सरकार आदि।
1) सूट-बूट की सरकार
साल 2015 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी द्वारा पहना गया नीले रंग का सूट काफी चर्चा में रहा था। विरोधियों ने इस सूट की कीमत 10 लाख रुपये तक बताई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के भी जमकर निशाने पर रहे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें सूट-बूट की सरकार करार दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहने गए इस कढ़ाईदार सूट को 'नीलामी में सबसे महंगा बिकने वाले सूट के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली थी। इस सूट को सूरत के हीरा व्यापारी लालजी पटेल ने 4.31 करोड़ रुपये में खरीदा था।
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2) जुमलों की सरकार
साल 2014 में विकास के तमाम बड़े-बड़े दावे कर सत्ता में आई मोदी सरकार को विपक्ष उस समय जुमलों की सरकार बताया जब साल 2015 में किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री अपने रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के दौरान देश को संबोधित कर रहे थे। इस बात पर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्हें जुमलों की सरकार कहा था। वहीं दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र पर तीखा व्यंग करते कहा था, ‘जुमलों की बेवफाई मार गई.. नोटबंदी की लुटाई मार गई.. GST सारी कमाई मार गई..बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई.. बढ़ते दामों से जीना दुश्वार.. बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?
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3) असहिष्णु सरकार
बीते साल 31 अक्टूबर 2017 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को असहिष्णु बताते हुए जमकर हमला बोला था। इस दौरान सोनिया ने कहा कि, लोगों पर भारतीयता के प्रति भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण थोपा जा रहा है और देश की विरासत आज उन हाथों में है जो इतिहास का पुनर्लेखन झूठ फैलाने और अवैज्ञानिक विचारों को हम पर थोपने पर उतारू हैं। हांलाकि असहिष्णुता का मुद्दा साल 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर उछला था। इस दौरान असहिष्णुता के मामले मोदी सरकार के खिलाफ देश भर में गुस्सा देखा गया था जिसके चलते उसे बिहार विधानसभा चुनाव खराब परिणाम मिले थे।
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4) दलित विरोधी सरकार
साल 2015-16 में दलितों पर होने वाले अत्याचारों के चलते मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही। इस दौरान कथित तौर पर गौरक्षकों द्वारा ऊना में दलितों की पहले बुरी तरह पिटाई की गई और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। ये मामला राष्ट्रीय मुद्दा बनकर उभरा। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ऊना दलित पीड़ितों से मिलने ऊना पहुंचे थे और उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्हें दलित विरोधी सरकार बताया था।
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5) मुस्लिम विरोधी सरकार
साल 2015 में बीफ रखने के मामले में कुछ गौरक्षकों द्वारा दादरी के रहने वाले अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। ये मामला यहीं नहीं रुका इसके बाद देश भर से साल 2016 और साल 2017 में ऐसे वीडियो सामने आए जिन्हें बीफ के मामले बुरी तरह से पीटा गया हो। इस दौरान विपक्ष ने सरकार की जमकर आलोचना की और मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी सरकार करार दिया।