महिलाओं को कितनी सुरक्षा दे पाई मोदी सरकार, ये रहा चार साल का कच्चा‌ चिट्ठा

By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 27, 2018 07:28 AM2018-05-27T07:28:06+5:302018-05-27T07:35:22+5:30

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े महिलाओं पर होने वाली हिंसा साल 2014 से हर साल बढ़ी है।

4 years of Modi Govt: Modi Govt report card on women security | महिलाओं को कितनी सुरक्षा दे पाई मोदी सरकार, ये रहा चार साल का कच्चा‌ चिट्ठा

महिलाओं को कितनी सुरक्षा दे पाई मोदी सरकार, ये रहा चार साल का कच्चा‌ चिट्ठा

16 दिसंबर 2012 को दिल्‍ली में एक शर्मनाक घटना घटी, निर्भया रेप। केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार, दिल्‍ली कांग्रेस सरकार की यह बड़ी विफलता थी। साल 2014 के आम चुनावों के वक्त भारतीय जनता पार्टी ने वायदा किया वह महिला सुरक्षा मजबूत करेगी। लेकिन जब हम बीते चार सालों में देश में महिलाओं की सुरक्षा की असलियत देखते हैं, तो हमें यह दिखाई देता है-

उन्नाव रेप, कठुआ की घटना, विशाखापटनम के विराज फुटपाथ पर एक शराबी ने दिन-दहाड़े सबके सामने किया महिला का रेप, 16 साल की लड़की मुंबई में बीच सड़क पर मोलेस्टेशन, 23 साल की महिला के सामने किसी पुरुष ने चलती मुंबई के लोकल में हस्तमैथुन, उत्तर प्रदेश में एक पुलिसवाले ने 8 साल की बच्ची के साथ थाने में ही रेप, जैन मुनि ने 19 साल की लड़की के साथ तब रेप कर दिया जब उसके माता पिता बगल के कमरे में थे।

ओडिसा के एक स्कूल के हेडमास्टर ने 16 साल की जनजातीय बच्ची का रेप कर के उसे प्रेगनेंट कर दिया। पंजाब में एक पति ने अपनी पत्नी के साथ 7 लोगों को रेप करने दिया ताकि वो ड्रग्स खरीद सके। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में मंगेतर को पेड़ में बांधकर युवती से 8 लोगों ने रेप किया। चंडीगढ़ में एक 10 साल की बच्ची का रेप उसके दो चाचा ने कर दिया उसके बाद उसे अबॉर्शन में नहीं करने दिया जा रहा है। शिमला में 6 लोगों ने एक कक्षा 10 की बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसे मार दिया। बीकानेर में 23 पुरुषों ने एक महिला का बार-बार रेप किया।

 हिंदू भक्तों के लिए पाकिस्तान ने उठाया कदम, कृष्ण मंदिर को दिए 2 करोड़ रुपए

ये सारे आंकड़े साल 2017 के दूसरी छमाही और 2018 के शुरुआती महीनों के है। इससे पहले पहले की बात करें तो इसका आंकड़ा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने जारी किया है। साल 2016 में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के 110378 मामले सामने आए। केवल मेट्रोपॉलिटन शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात करें तो, साल 2014 में 38385 मामले, 2015 में 41001 मामले, 2016 में 41761 मामले दर्ज किये गए।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं से होने वाले असल सेक्सुअल हैरेसमेंट की 99 फीसदी मामले पुलिस तक पहुंच ही नहीं पाते। ऊपर हमने जो आंकड़े बताए ये सब पुलिस में दर्ज हुए मामले थे।

इस मामले पर जब लोकमत न्यूज ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी से बात की तो उनका कहना है कि मोदी सरकार ने चार साल में महिला से अपराध करने वालों को फांसी तक की सजा दिलाई।

पाकिस्तान में इंडियन डिप्लोमेट का कुक बन गया ISI का जासूस, गिरफ्तारी के बाद हुए ये खुलासे

जबकि कांग्रेस नेता ने लोकमत न्यूज से कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले साल 2012 की घटना का राजनीतिकरण किया। एक संवदेनशील मामले का दामन थामे सत्ता में आए लेकिन उनके चार सालों में महिलाओं को शब्दों के अलावा कुछ नहीं मिला। हालांकि राजनैतिक विश्लेषक मनोज वर्मा का मानना है कि महिला सुरक्षा का मामला केंद्र से अधिक राज्य सरकारों का विषय होती हैं।

ऐसे में अब जब भारतीय जनता पार्टी की करीब 20 राज्यों में सरकार है और केंद्र में भी मोदी सरकार है तो उम्मीद है कि जब साल 2017 के आंकड़े एनसीबी जारी करेगा तो इसमें महिलाओं से संबंधित अपराध की संख्या घटेगी।

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!

Web Title: 4 years of Modi Govt: Modi Govt report card on women security

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे