वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा- ट्विटर के पेरोल पर काम करता था भारत सरकार का 'एजेंट'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 24, 2022 05:00 PM2022-08-24T17:00:26+5:302022-08-24T18:37:51+5:30

ट्विटर के पूर्व कर्मचारी जाटको ने इस बात की संभावना जताई है कि भारत सरकार ने सोशल प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर सरकार विरोधी प्रतिक्रियाओं को मॉनिटर करने के लिए ट्वीटर के पेरोल पर एक एजेंट की कथित नियुक्ति पर जोर दिया था।

Former Twitter employee made a big disclosure, said, 'Twitter kept an agent of the Government of India on his payroll' | वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा- ट्विटर के पेरोल पर काम करता था भारत सरकार का 'एजेंट'

फाइल फोटो

Highlightsट्वीटर के पूर्व कर्मचारी का संभावित दावा ट्विटर ने पेरोल पर भारत सरकार के प्रतिनिधि को नियुक्त कियापूर्व कर्मचारी पीटर जटको ने आरोप लगाते हुए कहा ट्विटर गलत तरीके से भारत में सेवाएं दे रहा हैभारत सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान ट्वीटर को 250 ट्विटर हैंडल वापस लेने का आदेश दिया था

न्यूयॉर्क:ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख पीटर जटको ने आरोप लगाते हुए संभावना जताई है कि भारत सरकारट्विटर यूजर्स के डेटा तक पहुंच बनाने के लिए एक एजेंट को ट्वीटर के पेरोल पर नियुक्त करने के लिए मजबूर कर सकती है। ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख और दुनिया के मशहूर हैकर पीटर जटको ने बतौर व्हिसलब्लोअर अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि ट्विटर इस तरह से भारत में अपनी सेवाएं दे रहा है।

पीटर जटको के इस कथित खुलासे को अमेरिका के प्रसिद्ध समाचार पत्र 'वाशिंगटन पोस्ट' ने मंगलवार को प्रकाशित किया है। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि जाटको ने इस बात की संभावना जताई है कि भारत सरकार ने सोशल प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर सरकार विरोधी प्रतिक्रियाओं को मॉनिटर करने के लिए ट्वीटर के पेरोल पर एक एजेंट की कथित नियुक्ति पर जोर दिया था।

समाचार वेबसाइट 'द टेलीग्राफ' के मुताबिक 'वाशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित खबर में जटको किस विरोध का जिक्र कर रहे है, यह स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि सरकार ने ट्विटर को फरवरी 2021 में हुए किसान आंदोलन के संदर्भ में विरोधी ट्वीट करने वाले लगभग 250 ट्विटर हैंडल को वापस लेने के लिए कहा था।

वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि भारत के बारे में जटको की ओर से दर्ज की गई संभावना के विषय में और जानकारी लेने के लिए यह रिपोर्ट अमेरिका के न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग और सीनेट की खुफिया चयन समिति को भेजी गई थी।

अमेरिकी अखबार ने कहा कि भारत के विषय में जटको के दावे सांकेतिक तौर पर सही लग रहे हैं। इस संबंध में ट्वीटर के एक अन्य कर्मचारी ने सहमति जताते हुए कहा कि शायद वो कर्मचारी एजेंट हो सकता है। अपने आरोपों में जटको ने ट्विटर के भारत में चल रहे ऑपरेशन की भी कड़ी आलोचना की है। उनके मुताबिक ट्विटर ने अमेरिका के संघीय नियामकों और अपने निदेशकों को धोखा दिया है और उसके ऑपरेशन में कई तरह की खामियां हैं।

भारत सरकार के बारे में आ रही ऐसी जानाकारी के बीच ट्विटर के एक अन्य कर्मचारी अहमद अबूअम्मो को हाल ही में सऊदी असंतुष्टों की जासूसी करने और उनके बारे में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के एक करीबी सहयोगी को "कैश और गिफ्ट के बदले" जानकारी देने का दोषी ठहराया गया है।

अबूअम्मो पर आरोप है कि उसने "सऊदी सरकार के आलोचकों की जन्मतिथि, पते और फोन नंबर सहित व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करके उन्हें बिन सलमान के सहयोगी को दी। वहीं इस आरोपों पर अबूअम्मो ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने नियमित काम के हिस्से के तौर पर वो जानकारियां हासिल की थी।

भारत और सऊदी के मामलों में पूर्व सुरक्षा प्रमुख जटको ने कहा कि ट्विटर ने अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग के साथ 11 साल पुराने उस समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसमें ट्वीटर ने अपने ऑपरेशन में मजबूत सुरक्षा योजना होने का दावा किया था।

इसके साथ ही जटको ने यह भी कहा कि उन्होंने ट्वीटर के सहयोगियों को चेतावनी दी है कि कंपनी के आधे सर्वर पुराने और कमजोर सॉफ़्टवेयर पर चल रहे हैं, लिहाजा उनके द्वारा परेशानी पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि ट्विटर अधिकारियों ने उनके द्वारा नियमों के उल्लंघन की बात और यूजर्स डेटा के लिए सुरक्षा की कमी के बारे में गंभीर तथ्यों की बात को रोक दिया और उस संबंध में कदम उठाने का बजाय महत्वहीन परिवर्तनों के बारे में बात करने लगे।

जानकारी के मुताबिक ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने ट्विटर का सिस्टम हैक होने के बाद साल 2020 में जटको को काम पर रखा था। लेकिन जनवरी 2022 में सीईओ पराग अग्रवाल ने जटको को ट्विटर से निकाल दिया था। जाटको ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि उनके आने से पहले तक ट्विटर "रडारलेस" था।

मालूम हो कि मौजूदा दौर में ट्विटर टेस्ला के अरबपति प्रमुख एलन मस्क के साथ मुकदमे में फंसा हुआ है, जिन्होंने ट्वीटर को खरीदने की घोषणा करने के बाद अपनी बोली वापस ले ली थी। मस्क ने ट्विटर के साथ समझौता रद्द करते हुए जोर देकर कहा कि ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या को कम करके आंका है और यही एक प्रमुख कारण है कि वो अपनी बोली वापस ले रहे हैं।

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