आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियां कश्मीर में बतौर पंच और सरपंच गई चुनीं, नहीं हुई किसी को ख़बर
By सुरेश डुग्गर | Published: November 15, 2018 08:50 AM2018-11-15T08:50:42+5:302018-11-15T08:50:42+5:30
जिला उपायुक्त जिला उपायुक्त कुपवाड़ा खालिद जहांगीर ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों को पूरी स्थिति का पता लगाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, रिपोर्ट आने के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
जम्मू, 15 नवंबर: सीमा पार से लौटकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके दो पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियां कश्मीर में बतौर पंच और सरपंच चुनी गई हैं. प्रशासन कहता है उसको अभी जानकारी नहीं है इसलिए मामले की जांच करवाएंगें कि कैसे दोनों कैसे पंच-सरपंच चुन ली गईं हैं. जबकि पुंछ के मंडी इलाके में इसी तरह पाकिस्तान से आई एक बहू को प्रशासन ने चुनाव लड़ने से ही रोक दिया था.
35 वर्षीय आरिफा एलओसी के साथ सटी लोलाब घाटी के अंतर्गत खुमरियाल की निर्विरोध सरपंच बनी है. उसका पति गुलाम मोहम्मद मीर वर्ष 2001 में आतंकी प्रशिक्षण के लिए एलओसी पार कर पीओके चला गया था.वहां एक जिहादी कैम्प में कुछ दिन रहने के बाद उसने आतंकवाद को त्यागकर मुजफ्फराबाद में एक नयी जिंदगी शुरू की. उसने वहां एक दुकान पर काम करना शुरू कर दिया और इसी दौरान उसने वहां आरिफा के साथ निकाह कर लिया.
आरिफा मुजफ्फराबाद के पास स्थित पलांदरी गांव की रहने वाली है. वर्ष 2010 में सरकार द्वारा घोषित घर वापसी पॉलिसी से प्रभावित होकर गुलाम मोहम्मद मीर ने जब कश्मीर लौटने का फैसला किया तो आरिफा बेगम अपने बच्चों और पति गुलाम मोहम्मद मीर के साथ पासपोर्ट लेकर नेपाल होते हुए भारत पहुंचे.
खुमरियाल से करीब 30 किलोमीटर दूर प्रिंगरू हल्के में भी एक आतंकी की दुल्हन बनकर ही करीब दो साल पहले सीमा पार से इस तरफ आई महिला पंच चुनी गई है. उसक नाम दिलशादा है और उसके पति का नाम मोहम्मद यूसुफ बट. दिलशादा पाकिस्तान में कराची की रहने वाली है. यूसुफ बट से उसकी मुलाकात कराची में हुई थी और उसके बाद दोनों ने निकाह कर लिया था. दिलशादा भी निर्विरोध सरपंच बनी है. जिला उपायुक्त जिला उपायुक्त कुपवाड़ा खालिद जहांगीर ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों को पूरी स्थिति का पता लगाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, रिपोर्ट आने के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है.