पूर्व CJI रंजन गोगोई ने राज्यसभा सदस्य के रूप में ली शपथ, विपक्ष ने विरोध कर किया सदन से वॉकआउट
By रामदीप मिश्रा | Published: March 19, 2020 11:10 AM2020-03-19T11:10:53+5:302020-03-19T11:22:15+5:30
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई पिछले साल नवंबर में भारत के सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह इस पद पर करीब 13 महीनों तक रहे। इस दौरान उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए हैं।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई गुरुवार (19 मार्च) को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। इस दौरान विपक्ष का विरोध देखा गया। जैसे ही पूर्व सीजेआई ने शपथ लेना शुरू किया वैसे ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉक आउट किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। गोगोई ने अपने कार्यकाल में अयोध्या भूमि विवाद, राफेल लड़ाकू विमान और सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश समेत कई अहम मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। गृह मंत्रालय ने सोमवार रात अधिसूचना जारी कर गोगोई को उच्च सदन के लिये मनोनीत करने की घोषणा की थी।
पूर्व सीजेआई के शपथ लेने पर केंद्रीय रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा में पूर्व सीजेआई सहित विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक महान परंपरा है। गोगोई जिन्होंने आज शपथ ली है वह निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। साथ ही साथ उन्होंने विपक्ष द्वारा वॉकआउट कि जाने को लेकर कहा कि इस तरह का कार्य करना घोर अनुचित।
इसके बाद रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने पर सवाल खड़े किए गए, जिसके बाद रंजन गोगोई ने खुद सामने आकर कहा कि शपथ लेने के बाद उच्च सदन की सीट की पेशकश स्वीकार करने के बारे में वह विस्तार से बोलेंगे। यह बात उन्होंने गुवाहाटी में अपने आवास पर संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कही थी।
उन्होंने कहा था कि पहले मुझे शपथ लेने दीजिए, इसके बाद मैं मीडिया से इस बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा कि मैंने यह पद क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं। एक गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक मनोनीत सदस्य का पद रिक्त होने पर इस सीट के लिये गोगोई को मनोनीत किया।
Members of opposition parties walk out from the House as Former Chief Justice of India Ranjan Gogoi takes oath as Rajya Sabha MP. https://t.co/HrtZ1vMrcPpic.twitter.com/UgITFNxREP
— ANI (@ANI) March 19, 2020
राज्यसभा के लिए मनोनयन की हो रही आलोचना पर गोगोई ने एक स्थानीय समाचार चैनल को बताया था, 'मैंने राज्यसभा के लिये मनोनयन का प्रस्ताव इस दृढ़विश्वास की वजह से स्वीकार किया कि न्यायपालिका और विधायिका को किसी बिंदु पर राष्ट्र निर्माण के लिये साथ मिलकर काम करना चाहिए। संसद में मेरी मौजूदगी विधायिका के सामने न्यायपालिका के नजरिये को रखने का एक अवसर होगी।'
पूर्व सीजेआई ने कहा था, 'भगवान संसद में मुझे स्वतंत्र आवाज की शक्ति दे। मेरे पास कहने को काफी कुछ है, लेकिन मुझे संसद में शपथ लेने दीजिए और तब मैं बोलूंगा।' गोगोई पिछले साल नवंबर में भारत के सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह इस पद पर करीब 13 महीनों तक रहे।