कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है। कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में पूरा विश्व परेशान हैं। वहीं, कोरोना वायरस की वजह से जाने-माने शेफ फ्लोयड कार्डोज़ (Floyd Cardoz) की मौत हो गई है। उन्होंने अमेरिका (America) के न्यू जर्सी (New Jersey) शहर के माउंटेनसाइड मेडिकल सेंटर (Mountainside Medical Center) में अपनी आखिरी सांस ली।
कार्डोज़ पार्टी में हुए थे शामिल
59 वर्षीय शेफ फ्लोयड कार्डोज़ मुंबई (Mumbai) में मशहूर रेस्तरां बॉम्बे कैंटीन (Bombay Canteen) और ओ पेड्रो के सह मालिक थे। जब कार्डोज़ भारत में थे, तब उन्होंने मुंबई में 1 मार्च को अपने रेस्तरां की 15वीं सालगिरह की पार्टी रखी थी, जिसमें वो खुद भी शामिल हुए थे। इस पार्टी में तकरीबन 200 लोग शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद कार्डोज़ ने मुंबई में ही द बॉम्बे स्वीट शॉप का उद्घाटन किया था। यह सब करने के बाद वो न्यूयॉर्क (New York) वापस लौटे थे।
यहां उन्हें पता चला कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। हालांकि, 17 मार्च को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के जरिये सभी को इस बात की जानकारी दी थी कि वो कोविड-19 (COVID-19) पॉजिटिव पाए गए हैं। एक हफ्ते के इलाज के बाद भी फ्लोयड कार्डोज़ की बुधवार (25 मार्च) को मृत्यु हो गई।
क्यों मशहूर थे फ्लोयड कार्डोज़?
कार्डोज़ का जन्म मुंबई में ही हुआ था और वो यही पले-बड़े थे। उन्हें भारतीय व्यंजनों की विविधता और जटिलता को दुनिया के नोटिस में लाने के लिए व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है। हॉस्पिटैलिटी में करियर बनाने के विचार से उत्साहित फ्लोयड कार्डोज़ ने मुंबई के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से स्नातक की डिग्री हासिल की। तभी उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनमें खाना पकाने की प्रतिभा है और वो इसे काफी पसंद करते हैं।
इसके बाद उन्होंने 'ताज इंटरकांटिनेंटल होटल' और 'द ओबेरॉय' के साथ कुछ समय काम किया। फिर वो 80 के दशक के शुरुआती दौर में स्विट्जरलैंड के लेस रोचेस स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेंट में अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए चले गए। स्विट्जरलैंड में कुछ समय रहने के बाद वो न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गए।
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क वही शहर है, जहां उन्होंने न्यू इंडियन कुज़ीन विकसित किया। इस दौरान उन्होंने कई भारतीय व्यंजनों को आधुनिक लुक दिया। वह इसी के लिए दुनियाभर में मशहूर थे।
वहीं, फ्लोयड कार्डोज़ को लेकर शेफ मनीष मेहरोत्रा का कहना है कि वो अमेरिका में नए भारतीय भोजन के पहले ध्वजवाहक थे, जो चिकन टिक्का मसाला, चाट और नियमित करी के अलावा अन्य व्यंजन भी सबके सामने पेश करते थे। उन्होंने अन्य भारतीय स्नैक्स और दक्षिण भारतीय को सभी के सामने बेहतरीन ढंग से पेश किया था।