भोपाल: देश में कोरोना संकट के चलते जारी लॉकडाउन के बीच शनिवार को एक दिन एक और दुर्घटना की खबर सामने आई है। दरअसल, मध्य प्रदेश के सागर के दलबतपुर में मजदूरों को लेकर जा रही एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 5 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 20 मजदूर घायल हो गए हैं।
प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह दुर्घटना सागर से छतरपुर की ओर जा रहे ट्रक के पलटने से हुई है।
औरैया में सड़क दुर्घटना में 24 मजदूरों की मौत
इसे पहले शनिवार को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ट्रक और एक डीसीएम मेटाडोर (ट्रक से छोटा वाहन) की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 36 अन्य मजदूर घायल हो गये। दोनों वाहनों में प्रवासी मजदूर थे और दुर्घटना तब हुई जब सड़क किनारे खड़े मेटाडोर को पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 14 मजदूरों को इटावा जिले के सैफई स्थित पीजीआई में भर्ती कराया गया है। औरैया के पुलिस क्षेत्राधिकारी सुरेंद्रनाथ यादव ने बताया कि हादसा शनिवार तड़के तीन से साढ़े तीन बजे के बीच मिहोली गांव के पास हुआ ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में घटित हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को संज्ञान में लिया है। उन्होंने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने कानपुर के आयुक्त और महानिरीक्षक को भी इस स्थल का दौरा करने का निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क दुर्घटना में प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
मध्य प्रदेश: गुना में सड़क हादसे में तीन की मौत
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के गुना में एक सड़क दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के निर्देश दिए हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मध्य प्रदेश सरकार से समन्वय कर सभी घायलों का समुचित उपचार कराने तथा मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए तथा हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के निर्देश दिए हैं।
लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे और रोजी-रोजगार गंवाने के बाद अपने घरों को पहुंचने के लिए तरस रहे मजदूर भाजपा के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। पार्टी को यह चिंता सता रही है कि जितनी बड़ी संख्या में मजदूर परेशान हुए हैं उससे विरोधियों को तो हमला करने का मौका मिला ही है साथ ही इससे उसकी लोकप्रियता में भी कमी आ सकती है।
मजदूरों की दुर्दशा ने उड़ाई भाजपा की नींद:
लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे और रोजी-रोजगार गंवाने के बाद अपने घरों को पहुंचने के लिए तरस रहे मजदूर भाजपा के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। पार्टी को यह चिंता सता रही है कि जितनी बड़ी संख्या में मजदूर परेशान हुए हैं उससे विरोधियों को तो हमला करने का मौका मिला ही है साथ ही इससे उसकी लोकप्रियता में भी कमी आ सकती है।
दरअसल, देशभर में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा की खबरों ने सरकार के साथ-साथ भाजपा की भी नींद उड़ा दी है। कई जगहों से पैदल चलते-चलते प्रवासी मजदूरों के दम तड़ने तो कहीं रेल और सड़क हादसों में मारे जाने की भी खबरें हैं। बहुतों की तनख्वाह पर कैंची चली है तो लाखों अपनी नौकरी से भी हाथ धो चुके हैं। इनमें से अधिकांश मौजूदा हालात के लिए सरकार के फैसलों को जिम्मेदार भी मानते हैं जो भाजपा की चिंता का सबब बना हुआ है।