नई दिल्ली:कॉम्बैट एविएटर के रूप में आर्मी एविएशन कॉर्प्स में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी मेजर अभिलाषा बराक ने लोगों के लिए खास कर महिलाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। अपनी उपल्बधी पर बोलते हुए अभिलाषा बराक ने खुद को संगठन का छोटा हिस्सा बताया है और कहा है कि वे केवल अपना कर्तव्य निभा रही है।
मेजर अभिलाषा बराक ने आगे बताया कि यह पल उनके माता-पिता के लिए गर्व की भावना है। आपको बता दें कि उन्हें 36 सेना पायलटों के साथ प्रतिष्ठित विंग्स से भी सम्मानित किया गया था।
क्या बोलीं मेजर अभिलाषा बराक
समाचार एजेंसी एएनआई से बोलते हुए मेजर अभिलाषा बराक ने कहा है कि “मैं अभी भी संगठन का एक बहुत छोटा हिस्सा हूं। ऐसे कई सैकड़ों एविएटर हैं जिन्हें पंख मिल गए हैं। हम सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और यह बहुत सामान्य लगता है। मैं वही कर रही हूं जो हर दूसरा एविएटर करता है।”
अपनी इस उपल्बधी पर बोलते हुए मेजर अभिलाषा बराक ने आगे कहा है कि “यह विशेष रूप से मेरे माता-पिता के लिए गर्व की भावना है … लेकिन मैं वह ऑपरेशन कर रही हूं जो कोई भी पुरुष समकक्ष कर रहा है। इसलिए, मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं कुछ अलग कर रही हूं।”
आजकल‘कुछ भी असंभव नहीं है’-मेजर अभिलाषा बराक
अपनी सफलता पर बोलते हुए मेजर बराक ने कहा है कि किसी के लिए अपने लक्ष्य के प्रति जुनूनी और समर्पित होने की आवश्यकता है। उनके अनुसार आज के इस युग में कोई भी चीज असंभव नहीं है।
इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि “आपको केवल जुनून के अलावा कुछ नहीं चाहिए। आपको समर्पित होने, अवसरों को हड़पने और यथासंभव कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। आज की तारीख में कुछ भी अप्राप्य नहीं है।”