वडोदरा: भारतीय वायु सेना का पहला C-295 परिवहन विमान भारत पहुंच गया है। विमान 20 सितंबर को शाम के 5 बजकर 20 मिनट पर वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा। विमान को ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी ने उड़ाया था और बहरीन से उड़ान भरने के बाद आज यह भारत पहुंचा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 सितंबर को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर आयोजित एक समारोह में विमान को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल करेंगे। ऐसे कुल 56 विमान IAF में शामिल किए जाएंगे। जिनमें से 16 पूरी तरह तैयार होकर स्पेन से आएंगे और 40 का निर्माण टाटा-एयरबस संयुक्त उद्यम द्वारा भारत में किया जाएगा।
बता दें कि 13 सितंबर को एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने पहला सी295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को सौंपा था। भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी’ के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था।
यह विमान आवश्यकता पड़ने पर हमारी सेनाओं को अग्रिम मोर्चे पर ले जाने की क्षमता को जबरदस्त तरीके से मजबूती प्रदान करेगा। स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना प्रमुख वी.आर. चौधरी को एयरबस कंपनी के उत्पादन संयंत्र में यह विमान सौंपा गया।
इस समझौते के तहत एयरबस 2025 तक सेविले में शहर में अपने उत्पादन संयंत्र से ‘फ्लाई-अवे’ (उड़ान के लिये तैयार) स्थिति में पहले 16 सी295 विमानों की आपूर्ति करेगा। इसके बाद दोनों कंपनियों के बीच हुई एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड(टीएएसएल) द्वारा वड़ोदरा में किया जाएगा।
पहला विमान स्पेन में तैयार किया गया है, वहीं 17वें विमान को 2026 में वडोदरा में तैयार कर अंतिम रूप दिया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वड़ोदरा में सी295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। यह किसी निजी संघ द्वारा भारत में निर्मित किया जाने वाला पहला सैन्य विमान होगा। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी295 विमान खरीद रही है।
सी295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग 71 तक सैनिकों या 50 तक पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी है। इसका उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है। यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।