असम नागरिकता विवाद पर कविता लिखने पर 10 के खिलाफ FIR दर्ज, आरोपी ने सार्वजिनक तौर पर मांगी माफी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 13, 2019 01:06 PM2019-07-13T13:06:03+5:302019-07-13T13:06:03+5:30

गुवाहाटी के रहने वाले पत्रकार प्रणवजीत डोलोई ने 10 लोगों पर एनआरसी की प्रक्रिया में बाधा डालने, असमिया लोगों को दुनिया भर में जेनोफोबिक के रूप में बदनाम करने और सांप्रदायिक गड़बड़ी फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है।

FIRs against 10 for poems that try to ‘hinder NRC’ in Assam | असम नागरिकता विवाद पर कविता लिखने पर 10 के खिलाफ FIR दर्ज, आरोपी ने सार्वजिनक तौर पर मांगी माफी

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsअसम पुलिस ने आईटी ऐक्ट- 2000 की धारा सेक्शन 66 के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में से एक चार-चपोरी साहित्य परिषद के प्रमुख हाफिज अहमद ने अपनी कविताओं के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है।

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (नागरिकता विवाद) के खिलाफ कविता लिखने के मामले में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर असम के दो थाने मेंकी गई है। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया था कि असमिया समुदाय को जेनोफोबिक के रूप में बदनाम करने की कोशिश की गई है। कविताओं का पूरा संग्रह अलजजीरा पर प्रसारित किया गया था। शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी साहित्यिक संस्था के प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।

गुवाहाटी के रहने वाले पत्रकार प्रणवजीत डोलोई ने 10 लोगों पर एनआरसी की प्रक्रिया में बाधा डालने, असमिया लोगों को दुनिया भर में जेनोफोबिक के रूप में बदनाम करने और सांप्रदायिक गड़बड़ी फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही कामरूप जिले में बीजेपी नेता तबीबुर रहमान ने भी केस दर्ज कराया है। असम पुलिस ने आईटी ऐक्ट- 2000 की धारा सेक्शन 66 के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फिलहाल मामले में किसी की कोई गिरफ्तार नहीं हुई है। 

आरोपियों में से एक चार-चपोरी साहित्य परिषद के प्रमुख हाफिज अहमद ने अपनी कविताओं के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है। अहमद ने कहा है, उनकी कविता से किसी की भावना को कोई ठेस पहुंची हो तो वो इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगते हैं। अहमद ने यह भी कहा है कि ये कविता 2016 की है और इसका असम के एनआरसी  प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो में जो अहमद की कविता थी, वो फिलिस्तीन के राष्ट्रीय कवि महमूद दरवेश की रचना है। 

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के सवाल पर सीधा जवाब देने से बचते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि फिलहाल एनआरसी को केवल असम राज्य में ही लागू किया जा रहा है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एनआरसी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ''नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियमावली 2003 के नियम 4ए (4) के अंतर्गत तैयार अनुसूची में निहित प्रावधानों के अनुसार, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को आज की स्थिति में केवल असम राज्य में लागू किया जा रहा है।''

Web Title: FIRs against 10 for poems that try to ‘hinder NRC’ in Assam

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