रोहिणी अदालत में गोलीबारी : अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा बंदोबस्त के लिए याचिकाएं दाखिल

By भाषा | Published: September 25, 2021 05:03 PM2021-09-25T17:03:50+5:302021-09-25T17:03:50+5:30

Firing in Rohini court: Petitions filed for security arrangements in subordinate courts | रोहिणी अदालत में गोलीबारी : अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा बंदोबस्त के लिए याचिकाएं दाखिल

रोहिणी अदालत में गोलीबारी : अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा बंदोबस्त के लिए याचिकाएं दाखिल

नयी दिल्ली, 25 सितंबर दिल्ली में एक जिला अदालत के भीतर शुक्रवार को गोलीबारी की घटना के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दाखिल कर केंद्र और राज्यों को अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

दिल्ली की रोहिणी अदालत में शुक्रवार को गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की, वकील के वेश में आये दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस की तत्परता से की गयी जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर भी मारे गए। घटना में कानून का प्रशिक्षु छात्र भी घायल हो गया।

अर्जी में कहा गया है कि गैंगस्टर और कुख्यात अपराधियों को प्रत्यक्ष रूप से पेश करने के बजाय निचली अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जेलों से पेश किया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय में वकील विशाल तिवारी ने यह अर्जी दी है। एक अन्य वकील दीपा जोसेफ ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में जिला अदालतों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

शीर्ष अदालत के एक अधिकारी ने कहा था कि प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने शुक्रवार को यहां भीड़भाड़ वाले अदालत कक्ष के अंदर गोलीबारी पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल से बात की थी।

तिवारी का आवेदन एक लंबित याचिका में शीर्ष अदालत में दायर किया गया है। इस याचिका में झारखंड में 28 जुलाई को धनबाद के जिला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की वाहन से कुचलकर हत्या के मामले का हवाला देते हुए न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया। दिल्ली में हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए अर्जी में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं न केवल न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और अदालत परिसर में मौजूद अन्य लोगों के लिए बल्कि न्याय वितरण प्रणाली के लिए भी खतरा हैं। अर्जी में शीर्ष अदालत से केंद्र और राज्यों को अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने और उपाय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

उच्च न्यायालय में दीपा जोसेफ की याचिका में दिल्ली पुलिस और ‘बार काउंसिल ऑफ दिल्ली’ को अदालत के प्रवेश द्वार पर सभी पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने पर विचार करने का आग्रह किया गया है कि वे अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वकील के पहचान पत्र की जांच करें।

याचिका में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को वकीलों की सुरक्षा और तलाशी के स्तर को उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के बराबर बढ़ाने का निर्देश दिया जाए और उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए ,जो गंभीरता के साथ निर्देश को लागू करने में विफल रहते हैं।

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Web Title: Firing in Rohini court: Petitions filed for security arrangements in subordinate courts

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